देहरादून। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान विधयकों की दादागिरी जिले से लेकर शासन तक के अधिकारियों में जरूर देखी गई हो लेकिन भाजपा सरकार की छवि को ध्ूमिल करने का प्रयास शासन में बैठे कुछ अधिकारी व सीएम दरबार के लोग बेखौफ होकर करते नजर आ रहे हैं। बीते दिवस अल्मोडा के भाजपा विधयक व कुमांऊ मंडल विकास निगम के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जीना को जिस तरह से रिश्वत के आरोप में पकडे जाने की भ्रामक बातें मीडिया में उछाली गई उससे निश्चित रूप में इस ओर संकेत जा रहा है कि भाजपा की बढती हुई लोकप्रियता को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे। इतना ही नहीं संगठन में गुटबाजी को लेकर भी जिस तरह से माहौल तैयार किया जा रहा है वह भविष्य में खतरे की घंटी से कम नहीं। भाजपा के विधायक श्री जीना को जिस तरह से आरोपित करने का प्रयास किया गया है। उससे प्रदेश के सभी जनप्रतिनिध्यिों को सचेत रहने की जरूरत है और इस घटना के बाद यह बात भी उजागर हो गई है कि कुछ लोग मीडिया का सहारा लेकर प्रदेश का माहौल बिगाडने पर तुले हुए हैं। कुंभ मेले को लेकर भी जिस तरह से शांतिपूर्वक पहला शाही स्नान प्रदेश सरकार के द्वारा निपटाया गया उसे लेकर भी विपक्ष खासा हैरान नजर आ रहा था लेकिन अचानक ही हरिद्वार में भी फर्जी शंकराचार्य को लेकर जिस तरह से माहौल मीडिया के सामने तैयार किया गया है वह भी कुंभ में अगले शाही स्नान के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं विभिन्न अखाडे इस मुद्दे पर शाही स्नान को न करने की बात कहने के साथ-साथ आत्मदाह जैसा कदम उठाने की बात भी कह रहे हैं। वहीं नये राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर जिस तरह से भाजपा विधायक पर एक साजिश के तहत षडयंत्र रचाकर माहौल तैयार किया गया और उसके बाद इस तरह की कोई बात भी सामने निकल कर नहीं आई। उसने इस बात को पुख्ता कर दिया कि शासन में बैठे कुछ अधिकारी अपनी मनमानी के चलते उत्तराखंडियों पर हावी होना चाह रहे हैं। आईएस लॉबी में बैठे कुछ बिहारी उत्तराखंडियों को दबाव में लेकर इस तरीके का माहौल तैयार करना चाहते हैं जिससे उनका दबदबा उत्तराखंड में कायम रह सके। वहीं उनका साथ सीएम दरबार में बैठे कुछ लोग देकर उन्हें बैकिंग कर रहे हैं और यह प्रकरण उसी दिमाग की उपज करार दिया जा रहा है। जीना प्रकरण पर भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच करने की बात कही हो लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने के बाद भाजपा के विधायक के ऊपर ही इस तरह की साजिश अंजाम दी जा रही है जबकि इसके पीछे शासन में बैठे एक आईएस अधिकारी व सीएम दरबार के एक व्यक्ति का खेल निकल कर सामने आ रहा है और यह मामला मुख्यमंत्री दरबार के बीच का भी माना जा रहा है। कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में जिस तरह से ऐसे घटनाक्रमों को अंजाम दिया जा रहा है उसने यह बात भी साबित कर दी है कि प्रदेश की भाजपा में कहीं न कही असंतोष के स्वर भी मुखर होने लगे हैं। पूर्व के खंडूडी शासनकाल में गुटबाजी को लेकर जिस तरह से हो हल्ला मचाया गया। अब ठीक उसी तरह निशंक के शासनकाल में भी इसी तरह की लाबिंग शुरू कर दी गई है वहीं जीना ने यह तक कह डाला है कि वह दोषियों को दंडित करने तक सीएम आवास व सचिवालय में प्रवेश तक नहीं करेंगे जिसे लेकर भाजपा संगठन में भी हडकंप मचा हुआ है। वहीं इस बारे में भाजपा विधयक सुरेंद्र सिंह जीना का साफ कहना है कि इस प्रकरण को लेकर जिस तरह से उनकी छवि को ध्ूमिल करने का प्रयास किया गया है उसे लेकर वह कानूनी नोटिस का समय पूरा हो जाने क बाद कल मानहानी का दावा भी ठोकेंगे।
27.2.10
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
ये विचार तो उत्तरांचल दर्पण में पढ़ लिए थे, ठीक हैं पैसे के लिए नेता कितना निचे गिर सकते हैं अभी देखना बाकि है
Post a Comment