देश में लगातार हमलें पर हमलें हो रहें हैं कभी आतंकवाद तो कभी नक्सलवाद देश को परेशान कर रह हैं |
आज देश हर तरफ से बड़ी ही आफत में हैं आम नागरिक बेचैन हैं कोई भी कुछ कर नहीं पा रहा हैं ,सरकार सोच तो रही है पर वो काम हो नहीं पा रह हैं |सरकार बात तो कर रही हैं लेकिन इसे रोकने में अभी तक सफल नहीं हो सकी हैं ,सफल तो दूर की बात इसपर थोडा बहुत भी लगाम नहीं लग सका हैं| देश को लगातार इन ताकतों के द्वारा चुनौती मिल रही है |सारा देश जल रह हैं अभी देश को एक मजबूत निर्णय की जरूरत हैं लेकिन इसपर सिर्फ बात ही हो रही है कुछ हो नहीं पा रह हैं |देश को मेरे हिसाब से एक कठोर नेतृत्व की जरूरत है जो हर तरफ से उपर उठकर देश के हित में कुछ काम करें| आज देश को जरूरत तो है लेकिन वह पूरा नहीं हो पा रहा हैं |
देश में मेरे हिसाब से पुनः एक बार आपातकाल जैसी चीज़ होनी चाहिए ताकि देश में सब कुछ फिर से बहाल हो सके |यह मेरी सोच हो सकती है लेकिन मेरी यह सोच इस चीज़ को देखते हुए हुई है की आज देश में कुछ भी सही नहीं है |वादे से देश तो चल सकता है पर इससे किसी समस्या का निदान नहीं हो सकता हैं |आज देश में हर समस्या से बड़ी समस्या है देश की सुरक्षा अगर देश के आम लोगों की स्थिति ठीक नहीं है तो देश में कुछ भी सही नहीं हो सकता है| और फिलहाल हमारे देश में आम ही खुश नहीं है देश में हर तरफ अफरातफरी का माहौल है और अगर इसे जल्द से जल्द काबू नहीं किया गया तो यह एक खतरनाक रूप ले सकता हैं |आज हर आम इस बात को लेकर चिंतित है की अभी अगर वो घर से बाहर निकला है तो थोड़ी देर बाद वापस आएगा की नहीं
ऐसे में देश प्रगति नहीं कर सकता देश तभी आगे बढ़ सकता है जब देश के लोग बिना किसी डर भय अपना काम करतें रहें लेकिन हमारे देश मे तो हर पल लोग डर के सायें में जिंदगी बिता रहें है |
19.2.10
देश को एक बार फिर से आपातकाल की जरूरत ?
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1 comment:
yadi aatankbaad our naxalvaad ke saath-sath corruption ka bhi hal aapatkaal so ho to vehatar hai.
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