(उपदेश सक्सेना)
अम्बानी समूह को देश का सबसे बड़े औद्योगिक समूह बनाने में मेरा भी काफी योगदान है. हालांकि इस परिवार से मेरे पुरखों का भी कोई निकट क्या दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि यदि आपका किसी से कोई नाता नहीं हो तो आप उसकी उन्नति में सहभागी नहीं बन सकते, वैसे भी नज़दीकी रिश्तेदारी “लक्ष्मी” को कबूल नहीं रही है, उदहारण खुद दोनों अम्बानी हैं. अब बात फिर मूल मुद्दे की, मैं कह रहा था कि अम्बानी मेरे पैसों से कुबेरपति हुए हैं तो इसमें आश्चर्य करने या मेरे किसी घटिया नशे की हालत में होने की भूल कतई ना करें. मेरे पास अम्बानी की रिलायंस कंपनी के चार मोबाईल कनेक्शन हैं. हर माह इनमें श्रद्धानुसार बैलेन्स डलवाया जाता है, इसमें से टेक्स के नाम पर काफी राशि काट ली जाती है, यह रकम जाती है अम्बानी की ज़ेब में. इसी तरह देश भर में मेरे जैसे कई करोड़ ग्राहक इस कंपनी की मोबाइल सेवा का उपयोग करते हैं, इस तरह यह रकम हर दिन लाखों में बैठती है.
मैं बात की इतनी गहराई तक कभी नहीं जाता, और न ही इस तरह होने वाले लाखों के नुकसान का ही कोई हिसाब-क़िताब ही रखता, यदि मेरे मोबाइल खाते से अचानक 30 रूपये बिना कारण कट गए. मैं इतनी बड़ी रकम कट जाने से सन्न रह गया. मैनें तुरंत कम्पनी की ग्राहक सेवा केन्द्र पर फोन लगाया, लंबे दिशा निर्देशों का पालन करने के बाद कम्पनी प्रतिनिधि से बात हो पाई. उसे मैनें अपने भीषण नुकसान के बारे में बताया, उसने काफी देर तक इंतज़ार करवाने के बाद कहा “आपकी शिकायत दर्ज़ हो गई है, आपकी रकम 24 घंटे में आपको वापस मिल जायेगी, मैं खुश हुआ कि चलो घाटा नहीं हुआ, मगर जब एक हफ्ते बाद भी जब मेरी रकम वापस नहीं मिली तो मैंने फिर कम्पनी की ग्राहक सेवा केन्द्र पर फोन लगाया, फिर लंबे दिशा निर्देशों का पालन करने के बाद कम्पनी प्रतिनिधि से बात हुई, उसने सब कुछ समझ लार लगभग 20 मिनट इंतज़ार करवाया, फिर मुझसे खुद को जबरन माफ करवाते हुए बोला “ दो दिन में आपको पैसे वापस मिल जायेंगे.” उसकी भी बात पर भरोसा करने के अलावा मैं कुछ नहीं करने की स्थिति में ही था. अब दो दिनों का पहाड़ जैसा इंतज़ार करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है.
इस हिसाब से गुणा-भाग किया जाए तो मेरे जैसे सेंकडों ग्राहकों के पैसे यदि दो-दो दिन ही कम्पनी के खाते में जमा रह गए तो ही कम्पनी करोड़ों रुपया ब्याज़ से कमा लेती होगी. तो हुई ना मेरी बात सच, अम्बानी को करोड़पति मैंने बनाया. एक बात और जिससे आप भी कभी न कभी ज़रूर दो-चार हुए होंगे, आपने गौर किया होगा कि जब कभी आपने किसी कम्पनी की ग्राहक सेवा केन्द्र पर कोई शिकायत करने के लिए फोन लगाया होगा, लंबा इंतज़ार करने के बाद कम्पनी प्रतिनिधि से बात हो पाई होगी. इस दौरान आपने अक्सर ‘सभी प्रतिनिधियों के दूसरे कॉल पर व्यस्त’ होने का टेप भी सुना होगा, इस बारे में क्या कभी सोचा है? क्या यह नहीं सोचा जाए कि सम्बंधित कम्पनी के खिलाफ़ ग्राहकों को बहुत ज़्यादा शिकायतें रहती हैं इसलिए लाइनें या कम्पनी प्रतिनिधि अक्सर व्यस्त मिलते हैं.
28.5.10
अम्बानी को करोड़पति मैंने बनाया
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