2.5.10
अशोक जमनानी की नई कविता-अपरचित
मेरे देश के
चालीस करोड़ लोग
अब भी हैं
अपरिचित
शब्द- भरपेट
और उसके अर्थ से
अनाज हुआ इतना
रख नहीं सकते
गोदामों में
रख दिया
मैदानों में
काम आएगा
सड़ जाने में
मेरे देश के मालिक
तय कर चुके हैं
आने वाले समय में भी
चालीस करोड़ लोगों को
रखना है
अपरिचित
शब्द- भरपेट
और उसके अर्थ से
- अशोक जमनानी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment