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13.5.10

कुत्तों की आमसभा-ब्रज की दुनिया


भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा यादव-बंधुओं को कुत्ता कह देने से नाराज पूरे भारत के कुत्तों ने पटना के बांसघाट पर रात के १२ बजे आमसभा का आयोजन किया.वे नेताओं द्वारा एक-दूसरे के लिए कुत्ता शब्द के प्रयोग से आहत थे और उनका मानना था कि ऐसा होने से इस पूरी सम्मानित जाति का अपमान होता है क्योंकि वे नेताओं की तरह बेवफा नहीं होते.उन्हें तो वफ़ादारी का पर्याय ही माना जाता है.अपने स्वागत भाषण में हाजीपुर के कोनहारा घाट से आये और पुलिस द्वारा फेंकी गई अधजली लावारिस लाशों को खाकर हृष्ट-पुष्ट अपने नामानुसार गुणों को धारण करनेवाले वृद्ध टाईगर ने अपनी गंभीर आवाज में सभा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह आमसभा संख्या की दृष्टि से अभूतपूर्व है.पिछली बार जब १९७५ में शोले फिल्म में धर्मेन्द्र द्वारा कुत्तों के अपमान पर बैठक बुलाई गई थी तब यातायात और संचार के साधनों के अविकसित अवस्था में होने के चलते काफी कम कुत्ते आ पाए थे.उस समय डाकुओं से हमारी तुलना का हमने उतना बुरा भी नहीं माना था क्योंकि डाकू तो फ़िर भी वफादार होते थे.लेकिन इस बार तो गडकरी ने अपमान की हद ही कर दी है.इसने हमारी तुलना नेताओं से की है जो धोखेबाजी के दम पर ही धंधा चलाते हैं और जब तक जीवित रहते हैं जनता को सिर्फ धोखा देते रहते हैं.
      सभा की अध्यक्षता करते हुए चेन्नई से दल-बल के साथ पधारे मुत्तुकुमरण ने अपने उदबोधन में कुत्तों में बढती विषमता पर अपनी चिंता जाहिर की.उन्होंने कहा कि जहाँ कुछ कुत्ते दिन-रात एसी में रहते हैं वहीँ अधिकतर कुत्तों के सिर पर छत तक नहीं है और ईधर-उधर आशियाने के लिए लगातार भटकते रहने के कारण उन्हें आवारा कहा जाने लगा है.उन्होंने नक्सलियों द्वारा कुत्ता जाति के सामूहिक संहार पर गहरा दुःख प्रकट किया और शाप दिया कि सदियों की वफ़ादारी का गोलियों से जवाब देनेवाले नक्सलियों का समूल विनाश हो जाए.
         मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर से पधारे शराफत ने केद्र सरकार से मांग की कि चूंकि नेताओं को कुत्ता कहने से पूरी कुत्ता जाति का अपमान होता है अतः ऐसा करनेवालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा ४९९ के तहत मानहानि का मुकदमा चलाया जाना चाहिए.लेकिन उन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र की वृद्धावस्था को देखते हुए उन्हें इससे छूट देने की प्रार्थना भी की.
     इसी बीच बरसात ने खुले आसमान के नीचे चल रही आमसभा में व्यवधान डाल दिया और आमसभा शराफतजी की मांगों का समर्थन करती हुई अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई.

1 comment:

अविनाश मराठा, मुंबई said...

बढ़िया लिखा है मित्र.कुत्तों ki आमसभा की आपने क्या रिपोर्टिंग की है!