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15.4.11

संगीत प्रेमी परदेसी ।

संगीत प्रेमी परदेसी ।
(http://www.iamangelica.com/)
" एक ही  खिड़की के बाहर दो इन्सान नज़र डालते हैं, 
   एक को दिखाई देता है कीचड़, दूसरे को सितारे ।" 
-फ्रेडरिक

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प्यारे दोस्तों,

हमारे देश में, ऐसे कितने औरंगज़ेब होंगे,जिन्हें मरहूम श्रीमोहंमद रफीजी की  नग़माकारी नापसंद  हो? शायद एक भी इन्सान नहीं..!!

वैसे भी, मरहूम श्रीरफीसाहब के गीत में छुपी हुई  बारीक़ स्वर गायकी-ग़मक की गहराई (Depth), दर्द, रेन्ज, वॉईस मोड्यूलेशन,भाव,संवेदनशीलता, वगैरह सर्वे मिलकर,बॉलीवुड की हिन्दी भाषा न जानने वाले, अन्य देश के संगीत प्रेमीओं के दिल को छूने वाली उनकी अलग गायन शैली, आजकल `॥ न भू तो,न भविष्यति ।।` मानी जाती है ।

हम सब जानते हैं  कि, श्री मोहम्मद रफीजी के बाद,उनके कंठ और उनके गाने के अंदाज़ की हूबहू नकल करना सर्वथा असंभव ही है । उनके दिवंगत होने के पश्चात, न जाने कितने नामी-अनामी गायक कलाकारों ने, उनकी हूबहू नकल करने के सफल-असफल प्रयास किए.जिनमें एकमात्र श्रीसोनु निगम उल्लेखनीय रहे हैं ।

पिछले, सन-जुलाई २००८ में, `रफी की यादें` ( Rafi Resurrected ) के नाम से श्री सोनू निगम जी ने लंदन, यु.के. में, वहाँ के एक संगीत ग्रुप,`The City of Birmingham Symphony Orchestra -CBSO` के कुल ७५ वादकों के साथ मिलकर, सुंदर कार्यक्रम किए थे..!! जिसे सप्टेम्बर=२००८ के दिन `सॉनी एन्टरटेईनमेन्ट चैनल पर प्रसारित किया गया था ।

यह भी उल्लेखनीय है कि, सन-१९२० में रची गई,`The City of Birmingham Symphony Orchestra - CBSO` बर्मिंगहम,लंदन की,एक सुप्रसिद्ध ऑरकेस्ट्रा है,जिसका हाल ही, दिनांक- १० नवंबर २०१० के रोज़ ९० नब्बे-वाँ,`BIRTH DAY`,बड़ी धूमधाम  के साथ  मनाया गया । (Recent, 12th principal conductor and music director , `Andris Nelsons`,Website -  www.cbso.co.uk )

अगर, समग्र दुनिया की  कृत्रिम  सरहदों को भूल कर, दिल की खिड़की से  हम बाहर नज़र करेंगे तो, हमको संगीत के अनंत आकाश में सुरों के टिमटिमाते कई सितारे नज़र आयेंगे, जो ना तो कोई परंपरा, भाषा या संस्कृति के मोहताज हैं..!!

मार्कण्ड दवे । दिनांक - १५ -०४-२०११.

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