लगता है मीडिया इस बार इतिहास रचेगा ..
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रात में 10 . 30pm पर जंतर मंतर पहुंचा। सुबह की शिफ्ट ८ बजे से शाम ४ बजे तक होती है। इसके बाद काम से विश्वविद्यालय गया था। रात को पहुचने पर जंतर मंतर पर जोश के साथ हमारा स्वागत किया गया। काफी सारे लोग जो पहले से ही इस मुहिम से जुड़े हुए थे, उनसे मिला .. अन्ना जी आराम करने जा चुके थे.. वही अनुपम खेर जी ने आन्दोलन को अपने समर्थन पर स्पष्ट रूख करते हुए युवाओं से जुड़ने की अपील की। रात ११.३० बजे आज समाज के ग्रुप एडिटर राहुल देव जी से मिला ..यूं तो मै छोटा आदमी उनसे जानपहचान नहीं फिर भी जिस गर्मजोशी से वे युवाओं से इस चर्चा में जुटे हुए थे वह काबिले तारीफ था.. मीडिया के बारे में पूछने पर उन्होंने अपना स्पष्ट रूख जाहिर किया क़ि युवाओं को जुड़ना चाहिए क्योकि यह पूरे देश के भविष्य का सवाल है। यह सब बाते मेरे सामने ही हो रही थी..मै भी सहमत था, यद्यपि वहाँ किसी ने मुझे कुछ भी पूछा नहीं क्योकि उनके लिए न तो मै उम्र या अनुभव में बड़ा था और न ही कोई बड़ा नाम .....मुझे आईपीएल की याद आ गई. चूंकि मै क्रिकेट खेलता रहा हूँ.. लेकिन आन्दोलन का समर्थक हूँ, इसी वजह से आज से होने चल रहा आईपीएल कही आन्दोलन पर भारी न पड़ जाये इस डर को भांप चुका था। उचित समय में सही काम करने क़ि आदत से मजबूर दिमाग में सही आदमी देख यही सवाल कौंध गया। मैंने राहुल देव जी से यही सवाल किया, उन्होंने शालीनता से जो जवाब दिया उससे कही न कही देश में बह रहे इस बयार के जन समर्थन के साथ मीडिया के खड़े होने की गवाही दी....
श्रवण शुक्ल- सर क्षमा चाहता हूँ एक पश्न है!
राहुल देव) - जी पूछिए .
श्रवण शुक्ल- आप लोगों की कव्रागे सिर्फ मसाला बनाने के लिए था या वातव में कुछ कर दिखाने के समर्थन में?? कल शाम से IPL शुरू हो रहा है .. कल से आप सब IPL के पीछे भागेंगे ... तो आन्दोलन की कवरेज दब जायेगी या कवरेज दिया जाएगा? आप सबके लिए IPL ज्यादा महत्वपूर्ण है या आन्दोलन ?
राहुल देव- नहीं ऐसा नहीं है .. हमारा ध्यान पूरी तरह से इस मुद्दे पर है।.. IPL हर साल होता है । ऐसी बदलाव क़ि बयार हमेशा नहीं रहती, IPL से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योकि अक्सर मैंने देखा है क़ि मीडिया आन्दोलन को तोड़ने के लिए निगेटिव कवरेज देती है जबकि यहाँ मामला पूरी तरह से उल्टा है ... मीडिया पूरी तरह से अन्ना हजारे जी के साथ है। ..
पश्न पूछने वाले और चर्चा करने वाले कई लोग थे। मुझे अपने सवाल का जवाब मिल चुका था । मै जैसे ही आगे बढ़ने के लिए मुड़ा तभी राहुल देव जी ने जोरदार हुंकार भरी ! एक आम आदमी की तरह.. वन्दे मातरम !! ...दिल एक बार फिर से रोमांचित हो उठा।.. मै तभी दूसरी ओर चल दिया जहां नन्हे मुन्हे बच्चे भ्रष्टाचार के खिलाफ हुंकार भर रहे थे। जिन्हें भ्रष्टाचार का मतलब भी नहीं पता। रात भर वहां काफी लोग आते जाते रहे ।.. मीडिया के अपना समर्थन जारी रखने के प्रतिबद्धता पर दिल बाग-बाग़ हो उठा.. थोडा सुकून मिला ।... यूं तो दो दिनों से सोया नहीं था.. मन को शांति मिली . आराम आया.. अन्ना जी के सामने वाले टेंट (जोकि फुटपाथ पर लगा हुआ था) में आन्दोलनकारियों के आराम करने की व्यवस्था थी..रात में १.३० बजे तक कुछ फोटो खींचा. एकबार कल दिन में भी जा चुका था ५ बजे के लगभग । रात में अन्ना हजारे की फोटो नहीं मिली सो दिन वाला यहाँ भेज रहा हूँ ।.. उसके बाद आराम करने क़ि मुद्रा में युंही सामने वाले टेंट के नीचे बैठ गया। .. जाने कब नींद आ गई, पता ही न चला। सुबह ६ बजे नींद खुली..शरीर पूरी तरह से स्वस्थ और उर्जा से भरा हुआ था।.. जाने कैसी एक अजीब ख़ुशी लिए ऑफिस के लिए पटेल चौक मेट्रो स्टेशन को निकला। एक नई ताजगी का अहसास लिए हुए .. एक नए भ्रष्टाचार मुक्त भारत मिलने की उम्मीद में, .. शाम को फिर से जाऊंगा .. ५ मुख्य मांगो में से ३ मान ली गई है। .शाम तक हवा का रूख स्पष्ट हो चुका होगा .. कुछ फोटो जो मैंने लिए थे वो नीचे लिंक में है ..
4 comments:
ऐसी जीवन्त रिपोर्ट की ही इंतजार है। आपको शुभकामनाएं।
dhanywaad gupta ji...jald hi aur baate yahan daalunga
very good bhai
very good bhai
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