reenakari: इस सिलसिले ने मुझे ,: " खाब्वो ने हर मर्दफा मजबूर किया , आखो को मेरी पलके झुकाने को मजबूर किया , उम्मीदों ने पलकों को खुलने को मजबूर किया , अप..."
12.4.11
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
reenakari: इस सिलसिले ने मुझे ,: " खाब्वो ने हर मर्दफा मजबूर किया , आखो को मेरी पलके झुकाने को मजबूर किया , उम्मीदों ने पलकों को खुलने को मजबूर किया , अप..."
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