आइसक्रीम और मिनरल वाटर
देश के गृह मंत्री हैं वो ,देश की तस्वीर जनता से ज्यादा जानते हैं .वित्त मंत्री भी रह चुके हैं वो
इसलिए देश की जनता की क्रय शक्ति के बारे में काफी कुछ पता है इनको . शहर में रहने
वाला भारतीय 32/- प्रतिदिन कमाकर धनवान होता हैऔर गाँव में रहने वाला 26/- कमाकर।
एक रुपया कीमत गेंहूँ की बढ़ने पर हाय तोबा मचाने वाला भारतीय 15/-में एक लीटर
पानी और 20/-में एक कप आइसक्रीम पर आसानी से खर्च कर देता है ! वाह ,गृहमंत्री! क्या
खूब गणित बीठाया है खर्च की राशि का .शहरी भारतीय कमाता 32/- और पलक झपकते ही
खर्च कर देता है 35/-.ये तीन रूपये का गेप .......साला जेब काटकर पूरा करता होगा ,मगर
फिर रोटी ,कपडे और रहने की छत ?इनकी पूर्ति नहीं होने पर चिल्लाने का नाटक करता है ,
सरकार को कोसता है ,नेताओ पर अंगुली उठाता है ,हाय तोबा मचाता है !!!
लेकिन ग्रामीण भारतीय 26/- प्रतिदिन कमाकर 15/-का एक लीटर पानी और 20/- की
आइसक्रीम डकारता है तो गेप -9/- का पड़ जाता है और इस गेप को पूरा नहीं कर पाता है तो
कुपोषण से मर जाता है या भूख से बिलबिला कर तडफता है .
गरीबी क्या होती है ये गृहमंत्री क्या जाने और क्या जाने योजना बनाने वाले अधिकारी ,उन्हें
तो शोचालय के लिए करोड़ो खर्चने को मिल जाते हैं ,वातानुकूलित कमरों में बैठकर देश की
जनता का भाग्य लिखने वाले , आलिशान होटलों में बैठकर नीति बनाने वालो के शरीर से
कब पसीना टपका है ?इन्हें क्या मालुम की एक रुपया कमाने के लिए आम भारतीय को 5से
7मिनट तक धुप में काम करना पड़ता है ,एक घंटे तक मनरेगा में काम करने पर 15/- मिलता
है और काम भी साल में 100 दिन ही मिलता है 265 दिन तो घर खाली हाथ बैठना है .
क्या इस देश के नेता इस देश की जनता को कभी समझ पायेंगे ?कितने संवेदना रहित हो
गये हैं नेता ?गरीबो का मजाक उड़ाते हुए इन्हें शर्म नहीं है ,गरीब जनता के टेक्स के पैसे का
गप्पला करते हुए इन्हें शर्म नहीं है, करोड़ो लोग जिस देश में कुपोषण के शिकार हो ,करोडो
लोगो को मिनरल वाटर तो क्या ,साफ मिट्ठा जल तक पिने को उपलब्ध नहीं है ,करोड़ो लोगो
के घर दोनों समय का अनाज नहीं है वो क्या जाने आइसक्रीम का स्वाद और मिनरल वाटर
का स्वाद .ये तो ठीक है कि मंत्री जी ने इतना ही कहा की हायतोबा मत मचाओ महँगाई के
नाम पर अगर ये यह कह देते कि 15/-की मिनरल वाटर और 20/-की आइस्क्रिम जब से
32/-ओर 26/- रूपये कमाने वाले धनवानों ने चट करनी शुरू कर दी है तब से महंगाई की
रफ्तार बढना तेज हो गयी है ,काबू के बाहर हो गयी है .
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