आजतक ने सलमान खुर्शीद के चैरेटेबिल ट्रस्ट के खिलाफ ऑपरेशन धृतराष्ट्र में लाखों के घालमेल का पुलिंदा क्या खोला…केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद सफाई देते देते थक गए लेकिन फिर भी सफाई देने में नाकामयाब ही दिखाई पड़ रहे हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सम्मानित होने के बाद रविवार को लंदन से लौटे खुर्शीद अपने ट्रस्ट पर लगे आरोपों पर सफाई देने से पहले आम आदमी को अपमानित करने से नहीं चूके। मीडिया से मुखातिब होने से पहले खुर्शीद साहब कहते हैं कि वे ‘सड़क पर खड़े किसी आदमी के सवालों का जवाब नहीं देंगे’…जाहिर है उनका ईशारा उनके इस्तीफे की मांग को लेकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी की तरफ था…लेकिन खुर्शीद साहब आप ये क्यों भूल गए कि जिस पैसे के घालमेल का आरोप आपके ट्रस्ट पर लगा है वो पैसा तो सड़क पर घूमने वाले, सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले, धरना प्रदर्शन करने वाले आम आदमी का ही तो है…और आम आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ सड़क पर ही तो उठाएगा…मोर्चा सड़क पर ही तो खोलेगा…ऐसे में आप आम आदमी के सवालों का जवाब क्यों नहीं देंगे…सिर्फ इसलिए कि आम आदमी ने आपको चुना या फिर इसलिए कि आप केन्द्रीय कानून मंत्री हैं। आपने भले ही अरविंद केजरीवाल की ओर ईशारा करते हुए ये बात कही…लेकिन सवाल तो आपने आम आदमी पर भी खड़े कर दिए। ऐसे में आपके ट्रस्ट में घालेमल हुआ या नहीं हुआ ये तो अलग बात है…लेकिन आप आम आदमी के प्रति अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते…क्योंकि ये तो आप भी अच्छी तरह समझते होंगे कि आम आदमी अगर आपको चुन कर संसद में भेज सकता है तो आम आदमी अगले चुनाव में आपकी जमानत भी जब्त करवा सकता है। लगता है प्रेस कांफ्रेंस शुरु होने से पहले लंदन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सम्मानित होने की इतराहट आप में बाकी थी…शायद इसलिए ही आप ऐसा बोल गए…वरना जनता का जनप्रतिनिधि…आम आदमी का जनप्रतिनिधि कम से कम आम आदमी के लिए ऐसी बात तो कतई नहीं करता। आप जिस पद पर बैठे हैं…वहां पर भी आपकी पहली जवाबदेही आम आदमी के प्रति…इस देश की जनता के प्रति ही बनती है…और इसे आप चाहकर भी नकार नहीं सकते…क्योंकि आम आदमी ठान ले तो…किसी का भी खासकर नेताओं, मंत्रियों का वक्त बदलते देर नहीं लगती…वैसे भी चुनाव में अब वक्त ही कितना रह गया है…इसलिए इससे पहले जनता आपकी जवाबदेही तय करने की सोचे…आप जवाबदेह बन जाओ…वरना अर्श से फर्श पर आते देर नहीं लगेगी। वैसे सलमान साहब आप पर लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो आप और आपके ट्रस्ट से जुड़े लोग ही बेहतर जानते होंगे…लेकिन जब से आप पर ये आरोप लगे हैं…समूचे विपक्ष के साथ ही दबी जुबान में ये बात भी सुनने को मिल रही है कि…मंत्री जी ने नेताओं को रेट ही खराब कर दिया…चर्चाएं ये भी हैं कि अगर घालमाल करना ही था तो नेताओं के स्टेटस का तो कम से कम ख्याल रखते…करोड़ों में तो घालमेल करते…क्या लाखों में ही मामला निपटा लिया।
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15.10.12
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