अजय जैन ' विकल्प '
देश ने आज फ़िर स्वाधीनता दिवस का जश्न मनाया है...लोगों ने दोपहर तक याद रखा और देर शाम तक भूल जाएँगे..यानि मात्र 1 दिन की वो आजादी ,जिसके लिए हजारों क्रांतिकारी और लाखों शहीदों को याद करना ही बहुत नहीं है..हमें तो उनके प्रति 1 दिन की कृतज्ञता जाहिर करनी थी सो कर दी..पर यह क्या ? केवल दिन भर ऐसे देशभक्त बनकर कहीं हम कृतघ्नता तो व्यक्त नहीं कर रहे..१५ अगस्त यानि 'आजादी का महापर्व '..पर आजाद कौन..नेता ,देश या जनता मतलब जन..वह जन जिनकी वजह से ही देश है..
मां भारती के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सभी शहीदों को नमन ओर मां भारती की सेवा-सुरक्षा में लगे सभी वीर सैनिकों को मेरी ओर से सादर नमन -प्रणाम..किंतु सवाल अब भी जीवंत ओर यही है कि 69 बरस की खुली आजादी के बाद भी मौजूदा व्यवस्था में अनेक झोल क्यों हैं..बरसों बाद भी सवाल अपना जवाब माँग रहे हैं.. दुर्व्यवहार,दुराचार,अन्याय और अत्याचार के बीच ये कैसी गुलामी है..देश में अन्यायपूर्ण व्यवस्था तथा आवाज़ दबाने की यह कैसी परम्परा बन चुकी है कि आजादी पर चिंतन करना बेहद ज़रूरी है..
आजादी के बाद भी दमनकारी नीतियाँ मन को अशांत किए हुए हैं..मन कहता है कि ,बोलो..पर कहाँ है सच बोलने की स्वतत्रंता..देश की बात कोई करेगा नहीं... लेकिन, दलित की चिंता...बाप रे बाप.. आजादी के इसी दौर में इतना हल्ला मचा कि सबको पता चल गया कि देश में दलित भाई भी रहते हैं..कभी-कभी लगता है कि ,वाह रे आजाद भारत..यहाँ 'माया' और 'दया ' पर सबको वक्त है..पर ज़रूरी मुद्दा गायब..आतंकी सिर पर चढ़े हुए हैं ,पर आजादी इतनी है कि उन्हें सिर्फ डांटा जा सकता है..मारने का विकल्प नहीं ले सकते..क्यों.. यही तो है आजादी..देश में 50 तरह के टैक्स ले रहे हैं,लेकिन तरह-तरह के हिसाब से हालत खराब है..क्या इसे ही मानें स्वतंत्रता..हर काम के लिए अब भी कतार ही है..कहीं जीने की भी ईजाजत और इज्जत नहीं है तो हर दिन तार-तार हो रही जिंदगी है..कोई थानेदार से त्रस्त है तो कोई अफसरों के ठाठ से.. आजादी का आनंद देखिए कि ईमानदार शर्मसार है..पर सूदखोर/ साहूकार को पूरी आजादी है..धर्म का प्रचार/दुष्प्रचार इतनी आजादी से हो रहा है कि देश ही पीछे हो गया है..ऐसे में अब आप और हम मिलकर राष्ट्र चेतन का संचार कर सकते हैं..बस राष्ट्र के प्रति अपनी -अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर..आइए आजादी पर्व की सार्थकता ताउम्र बरकरार रखें..
अजय जैन ' विकल्प '
चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर
ajayjainvikalp@gmail.com
9770067300
16.8.16
आजाद कौन…?
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