आचार्य डा. लोकेश मुनि जी के 34वें दीक्षा दिवस एवं अहिंसा विश्व भारती के 11 वें स्थापना दिवस के अवसर पर अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सर्वधर्म संवाद के द्वारा शांति व सद्भावना’ का उदघाटन करते हुए गुजरात के राज्यपाल महामहिम श्री ओम प्रकाश कोहली जी कहा कि वर्तमान परिस्थितों में ऐसे समसामयिक विषय पर संगोष्ठी का आयोजन करना राष्ट्र व समाज के लिए कल्याणकारी है| राज्यपाल श्री ने इस अवसर पर आचार्य लोकेश मुनि व संस्था के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि आचार्य लोकेश मुनि पिछले 34 वर्षों से धर्म को समाज कल्याण के साथ जोड़कर न सिर्फ भारत में अपितु विश्व में शांति व सद्भावना की स्थापना के लिए प्रयास कर रहे है यह बेहद हर्ष का विषय है| आचार्य लोकेश मुनि केवल जैन धर्म को ही नहीं समूची भारतीय संस्कृति को विश्व भर मैं फैला रहे है| उनके नेतृत्व में अहिंसा विश्व भारती संस्था धर्म को समाज सेवा से जोड़कर उसे सामाजिक बुराइयों को मिटाने का प्रयास कर रही है उसकी जितनी सराहना की जाये वो कम है|
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि भारत जैसे विविध धर्म एवं संस्कृति वाले देश में यह जरूरी है कि हम अपने धर्म –संस्कृति को जानने और समझने के साथ दूसरी धर्म संस्कृतियों का आदर और सम्मान करना सीखे| भारत वर्ष में धर्म के धरातल पर बेहद विशालता, व्यापकता एवं मानवीयता रही है| धर्म की प्रासंगिकता एवं प्रयोजनशीलता शान्ति, व्यवस्था, स्वतंत्रता, समता, प्रगति एवं विकास से सम्बन्धित समाज सापेक्ष परिस्थितियों के निर्माण में भी निहित है। धर्म साधना की अपेक्षा रखता है। प्रत्येक धर्म के ऋषि, मुनि, पैगम्बर, संत, महात्मा आदि तपस्वियों ने धर्म को अपनी जिन्दगी में उतारा। उन लोगों ने धर्म को ओढ़ा नहीं अपितु जिया। धार्मिक व्यक्ति का उद्देश्य धर्म के अनुसार अपना चरित्र निर्मित करना होना चाहिए।
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि ने कहा कि मौजूदा समय में हम जिस दौर से गुजर रहे है, आज न केवल भारत बल्कि अमेरिका सहित सम्पूर्ण विश्व हिंसा व आतंकवाद से प्रभावित है| सीरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, ईराक, बांग्लादेश, फ़्रांस, रूस में आये दिन धर्म, जाति व सम्प्रदाय के नाम पर बेगुनाहों का कत्लेआम हो रहा है| ऐसे समय में अंतरधार्मिक संवाद की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि हिंसा और आतंकवाद किसी समस्या का समाधान नहीं है| हिंसा प्रतिहिंसा को जन्म देती है| धर्म हमें जोड़ना सिखाता है तोड़ना नहीं| धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा और नफरत का कोई स्थान नहीं हो सकता| आचार्य लोकेश ने हम सभी विकास चाहते है, समृद्धि चाहते है| विकास व शांति का गहरा सम्बन्ध है| धर्मगुरु, राजनेता व समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख जब एक मंच से शांति व सद्भावना का सन्देश देंगे तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव होगा|
संगोठी की अध्यक्षता कर रहे भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि आज इस मंच पर सभी धर्मों के प्रख्यात गुरुओं ने एक साथ यह सन्देश दिया कि धर्म हमें शांति व सद्भावना के साथ रहना सिखाता है| विश्व के सभी धर्मों में नैतिक मूल्यों का प्रतिपादन है, मानव मूल्यों की स्थापना है, मनुष्य के सद्पक्ष को उजागर करते हैं, सामाजिक जीवन में शान्ति, बन्धुत्व, प्रेम, अहिंसा एवं समतामूलक विकास के पक्षधर हैं। जब सभी धर्मों के संत शांति व सद्भावना से रहने का सन्देश देंगे तो समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण की स्थापना को गति मिलेगी| उन्होंने अहिंसा विश्व भारती संस्था के कार्यकर्ताओं को सुंदर आयोजन के लिए व गौरवशाली यशस्वी द्वितीय दशक प्रवेश पर बधाई दी|
इस अवसर पर सभी धर्मों के प्रख्यात धर्मगुरुओं स्वामीनारायण परंपरा से एस.जी. वी. पी. अहमदाबाद के अध्यक्ष स्वामी माधवप्रिय दास जी, मुस्लिम धर्म से अखिल भारतीय इमाम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमाम उमेर अहमद इलियासी जी, बौद्ध धर्म से महाबौधि इंटरनेशनल लद्धाख के अध्यक्ष बौद्ध भिक्खु संघसेना जी , बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के चेयरमेन श्री परमजीत सिंह चंडोक ने अपने वक्तव्य दिए|
राज्यपाल महामहिम श्री ओम प्रकाश कोहली जी व केन्द्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला ने इस अवसर पर आचार्य लोकेश मुनि को राज्य की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट किया| स्वागत भाषण श्री प्रवीण भाई कोटक ने दिया| कार्यक्रम को सफल बनाने में कर्मा फाउनडेशन, श्री चिरंजीव भाई पटेल, प्रियांशी बहन पटेल, श्री हिमांशु शाह, श्री बंकिम शाह, श्री तेजस शाह, श्री साजन शाह श्री हर्षल शाह, श्री दिनेश संकलेचा का सक्रिय सहयोग रहा|
17.10.16
आज के समय में अंतरधार्मिक संवाद की बहुत आवश्यकता
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