25.10.16
दैनिक ‘तरुणमित्र’ मचा रहा बिहार में तहलका, प्रकाशित समाचारों की दूसरे अखबार कर रहे नकल
उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र के बाद कुछ माह पूर्व बिहार की राजधानी पटना से
प्रकाशित दैनिक ‘तरुणमित्र’ अपने समाचारों के लिए इन दिनों बिहार में
चर्चा में है। इस दैनिक में प्रकाशित समाचारों ने राजधानी पटना समेत पूरे
बिहार में इस कदर तहलका मचा रखा है कि पटना से प्रकाशित कई अन्य प्रमुख
हिन्दी दैनिकों को दैनिक‘तरुणमित्र’ में एक दिन पूर्व प्रकाशित समाचारों
की नकल कर अपने अखबार में प्रकाशित करने को बाध्य होना पड़ रहा है। ताजा
उदाहरण बीते शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट से दिल्ली के दो व्यवसायी बंधु
सुरेश शर्मा और उसके छोटे भाई कपिल शर्मा के अपहरण का है।
रविवार को अपने प्रकाशित अंक में दैनिक ‘तरुणमित्र’ ने अपने प्रथम पृष्ठ पर इस खबर
प्रमुखता से प्रकाशित किया पर इस खबर की भनक पटना से प्रकाशित और खुद को
सबसे ज्यादा लोकप्रिय और प्रसार वाला अखबार बताने वाले किसी अखबार को
नहीं लगी। शनिवार-रविवार की रात तीन बजे एक अखबार को इस खबर की भनक सोशल
मीडिया के माध्यम से तब लगी जब ढाई बजे रात में इस खबर से संबंधित समाचार
को सोशल मीडिया पर डाला गया। तब उस अखबार ने आनन-फानन ने अपने छप रहे
अखबार को रुकवाकर इस समाचार को जुड़वाया पर उस अखबार में भी यह खबर मात्र
तीन हजार प्रति में ही छप पाया। इसी तरह रविवार को प्रथम पृष्ठ पर दैनिक
‘तरुणमित्र’ में लोजपा नेता बृृजनाथी हत्याकांड में प्रयुक्त एके-47 को
बिहार पुलिस के एक कांसटेबल द्वारा हत्यारों को खरीदवाये जाने की
सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिस खबर का नकल बिहार में खुद को
सर्वाधिक प्रसारित होने का दावा करने वाले एक दैनिक ने सोमवार को अपने
अखबार के 5वें पृष्ठ पर किया है। पटना में हुए दो व्यवसायी बंधुओं के
अपहरण की एक साइड स्टोरी दैनिक ‘तरुणमित्र’ में सोमवार (24 अक्टूबर) को
‘वर्ष 2009 के अपहरण कांड की फिर हुई पुनरावृति’ शीर्षक से प्रकाशित हुई।
पटना से प्रकाशित एक प्रमुख हिन्दी दैनिक ने 25 अक्टूबर को प्रकाशित अपने
अखबार के पृष्ठ संख्या-7 पर ‘2009 की पुनरावृति तो नहीं’ शीर्षक से उस
खबर की नकल की। पटना से एक सक्रिय पाठक व स्वतंत्र पत्रकार की भेजी इस
रिपोर्ट पर दैनिक ‘तरुणमित्र’ के कार्यकारी संपादक योगेन्द्र विश्वकर्मा
ने भड़ास4मीडिया को बताया कि बिहार में हमारा अखबार अभी शैशव अवस्था में
है। वहां पूर्व से प्रकाशित कई प्रमुख दैनिकों को हम टक्कर नहीं दे सकते
पर एसक्युलुसिव और तथ्यपरक समाचार हमारी प्राथमिकता है जिसमें वहां के
स्थानीय संपादक विनायक विजेता जी और उनकी छोटी से टीम के ‘टीमवर्क’ ने कम
दिनों में ही दैनिक ‘तरुणमित्र’ की पूरे बिहार में एक अलग पहचान बनायी
है। हमारी कोशिश होगी कि इस पहचान को हम अपने पाठकों के बीच और विश्वासी
और दृढ़ बनाए रखें।
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