15.1.17
कठपुतली नाटक “मोहन से महात्मा: द्वारा गांधी जी के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला गया
वाराणसी : स्थानीय कैथी गांव में छोटा शिवाला मंदिर परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सुविख्यात कठपुतली कलाकार मिथिलेश दूबे के नेत्रित्व में सृजन कला मंच की टीम ने “मोहन से महात्मा” नाटक की प्रस्तुति की. इस नाटक में लगभग 150 कठपुतलियों के माध्यम से महात्मा गांधी के जन्म से लेकर शहीद होने तक की घटनाओं को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया गया है. अफ्रीका प्रवास, नमक सत्याग्रह, भारत छोडो आन्दोलन, दांडी मार्च, स्वतंत्रता एवं देश विभाजन आदि घटनाओं को कठपुतलियों ने जीवंत कर दिया था.
ज्ञातव्य है कि 50 मिनट की इस प्रस्तुति के निर्माण में आई आई टी बी एच यू ने सहयोग प्रदान किया है जिसका उद्देश्य गांधी जी के जीवन संघर्ष के बारे में नयी पीढ़ी को अवगत कराना है. कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारो की प्रासंगिकता आज भी पूरे विश्व में है. स्वतंत्रता आन्दोलन में उनके योगदान को कभी विस्मृत नही किया जा सकता. नई पीढ़ी को गांधी और उनके विचारों को अधिक से अधिक पढने और समझने की जरूरत है.
सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के क्रम में मुशी प्रेमचन्द की कहानी पर आधारित नाटक “फंस गया बदलू चक्कर में” की प्रस्तुति सांस्कृतिक दल दिशा क्रियेशन वाराणसी के कलाकारों द्वारा की गयी. इस नाटक में अशिक्षा, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी जैसे सामजिक मुद्दों पर चोट की गयी और यह सन्देश देने की कोशिश की गयी कि समाज में हर व्यक्ति को शिक्षित और चौकन्ना होकर अपने अधिकारों के प्रति चैतन्य रहना होगा और देश से भ्रष्टाचार को पूरी तरह दूर करने में भागीदार बनना होगा.
कार्यक्रम का सचालन वल्लभाचार्य पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन बृज बिहारी सिंह ने किया. कार्यक्रम में मिथिलेश दूबे, चन्द्रशेखर आजाद, नवीन मिश्र, हरीश पौल, सनी विश्वकर्मा, शिवम पटेल, डा. आनंद तिवारी, सूनील, मुकेश, सूरज कुमार, संदीप, ऋचा पाण्डेय , रसूल अहमद, रतन यादव, भोला सिंह, प्रदीप सिंह, गुरुदास गोस्वामी, सूरज पाण्डेय, जागृति राही, अजितेश, धनंजय त्रिपाठी, अजय पटेल आदि का विशेष योगदान रहा.
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