22.1.17
प्रोडक्ट हटा लेने का मतलब माफ़ी होता है क्या?
एक ढोल जगीरों का और एक "देशभक्ति" का। दोनों दूर से सुहावने लगते हैं क्योंकि जब फटते हैं तो पोल खुल जाती है। BJP के राज में इन दिनों देशभक्ति का ढोल भी जमकर बज रहा है। मुद्दा कोई भी हो देशभक्ति का रंग चढ़ाकर ही उठाया जाता है। E-शॉपिंग साईट अमेजोन वाला मामला ही देख लीजिये। पहले तिरंगे प्रिंट वाले प्रोडक्ट बिकने की जानकारी मिली। फिर महात्मा गांधी की इमेज वाली स्लीपर की फोटो मिली। और भी प्रोडक्ट हो सकते हैं। ढूंढने पर वो भी मिल जायेंगे। खैर बात करते हैं ढोल की...विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़ा ही कड़ा रुख अख्तियार करते हुये अमेजोन को तत्काल माफ़ी मांगने बोल दिया। इतना ही नहीं माफ़ी न मांगने की स्थिति में वीजा भी रद्द करने की धमकी दे डाली।
इस धमकी का कितना असर हुआ इसका सस्पेंस अभी भी बरकरार है। हाँ संस्था द्वारा उन प्रोडक्ट को हटा जरुर दिया है। अगर ऐसी ही माफ़ी मांगने कहा गया था तो हम मान लेते हैं। बहरहाल बात करते हैं कार्रवाई के अंदाज की। एक ओर आपने बिना शर्त माफ़ी मांगने बोल दिया और वीजा रद्द करने की बात कर दी लेकिन दूसरी ओर अमेजोन के विज्ञापन पर कोई रोक नहीं लगाई। अगर आपको वाकई सख्त कार्रवाई करनी थी तो तत्काल विज्ञापन पर तब तक रोक लगाते जब तक संस्था की ओर से माफ़ी नहीं मिल जाती। कम्पनी को मार्केट तो मिलता ही रहा। जहां तहां देखो उसी के विज्ञापन हैं। खैर वो भी छोड़िये। आपको बता दूं कि इंडियन शॉपिंग साइट्स पर भी दूसरे देशों के ऐसे प्रोडक्ट बिकते हैं।
होम शॉप 18 जो भारत का चैनल है। और एक E शॉपिंग साईट भी है। वहां भी प्रोडक्ट कोड 34202327 में अदर कंट्री के फ्लेग प्रिंट वाली स्लीपर बिक रही है। तो जैसे आप बेच रहे हैं दूसरे भी बेच रहे हैं। अगर आपको वाकई ऐसे प्रोडक्ट्स पर लगाम लगानी है तो ओवरऑल एक्शन लीजिये।
आशीष चौकसे
पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और ब्लॉगर
ashishchouksey0019@gmail.com
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