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2.12.09

मोहब्बत के गम का सागर

बार-बार ऐसा क्यों होता है मेरा साथ
कोई देते-देते छोड़ देता है मेरा साथ

क्या जरूरत थी पत्थर दिल में हलचल मचाने की
क्यों खाई थी कसम तुमने हमें ना भुलाने की

क्या दोस्ती की तुमने हमें मिटाने को
कसर कहां छोड़ी थी हमने सिर कटाने को

प्यार की राह में चलकर हमें ना छोड़ देना
हम दोस्त हैं तुम्हारे दोस्तों का ना इम्तिहां लेना

धक्का लगा है हमको ये बात जानकर
चलने लगे हो तुम हमको दुश्मन मानकर

प्यार नहीं किया था हमने कभी
फिर भी जाने क्यों तुम रूठकर चली

इस जन्म में ना मिलो तो फिर कभी ना मिलना
क्यों कि आप जैसे धोखेबाजों से हमें नहीं मिलना


सौरभ दुबे 9210985314
http://aamaadmekiduniya.blogspot.com/

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