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3.9.12


खुद के हित पर जनहित को कुर्बान कर देने वाले जन  प्रतिनिधियों को क्या जनता कभी सबक सिखायेगी?
सिवनी। बीते दस पंद्रह सालों से कांग्रेस और भाजपा नेताओं की नुरा कुश्ती के कारण जन          प्रतिनिधि अपने हित के लिये जन हित को कुर्बान करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहें हैं। इसका खामियाजा इस पिछड़े हुये जिले को भुगतना पड़ रहा हैं और पड़ोसी जिलो की तुलना में सिवनी और पिछड़ता जा रहा हैं। क्या जनता कभी ऐसे जनप्रतिनिधियों को सबक सिखायेगी? यह सवाल सियासी हल्कों में चर्चित हैं।
बात चाहे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव द्वारा घोषित रामटेक सिवनी गोटेगांव नयी रेल लाइन की हो या मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा घोषित इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और नगर को माडल शहर बनाने की घोषणा हो उन्हें पूरा कराने की दिशा में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी किसी से भी छिपी नहीं हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनो के ही जन प्रतिनिधियों ने इस हेतु ना तो सदन में और ना ही सड़क पर कभी कोई दवाब बनाया।
कांग्रेस और भाजपा के जन    प्रतिनिधियों की नूरा कुश्ती के चलते भी जिले ने बहुत कुछ खो दिया हैं। इसी नूरा कुश्ती के चलते सिवनी लोकसभा और घंसौर विधानसभा परिसीमन में समाप्त हो गयी। जिले के किसी भी नेता के प्रयासों के बिना जो फोर लेन सड़क जिले को मिल रही थी उसमें भी नूरा कुश्ती के चलते जो ग्रहण लगा हैं तो वह आज तक नहीं हट पाया हैं। पहली बार जब यह प्रस्ताव राज्य नेशनल लाइफ बोर्ड के पास गया था तो प्रदेश की भाजपा सरकार ने इसे अस्वीकार कर केन्द्र को भेज दिया था। जब  दूसरा प्रस्ताव राज्य से भेजा गया तब तक नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड प्रस्ताव को अस्वीकार कर चुका था। उसके बाद मामला जो उलझा तो आज तक सुलझ नहीं पाया हैं। शिवराज की गर्जना और दिल्ली ले जाकर जनमंच के प्रतिनिधि मंड़ल को मिलवाने की घोषणा भी दोनों तरफ की ढील के चलते नाकामयाब ही रही। 
कृषि महाविद्यालय की मांग भी लंबे समय से लंबित हैं। महिला महाविद्यालय का हास्टल सहित भवन,बीज निगम और कृषि विज्ञान केन्द्र की सुविधा के बावजूद भी यह मांग आज तक पूरी नहीं हो पायी हैं। भीमगढ़ जलावर्धन योजना का बिजली का बिल उसकी लागत से अधिक हो गया हैं लेकिन ना तो कांग्रेस के राज में और ना ही भाजपा के राज में इसका कोई निदान निकाला गया।
कहने को इस जिले में ती सांसद भाजपा के के.डी.देशमुख और राज्यसभा सदस्य फग्गनसिंह कुलस्ते,विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह,बकीना मंत्री का दर्जा प्राप्त डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन,नरेश दिवाकर,प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष विधायक नीता पटेरिया,शशि ठाकुर,कमल मर्साकेले, जिला पंचायत के युवा जुझारू अध्यक्ष मोहन चंदेल एवं नपा के एुवा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी हैं लेकिन इतने नाथ होने के बाद भी जिला अनाथों की भांति भुगत रहा हैं। इसमें इंका भाजपा की नूरा कुश्ती और दोनों ही पार्टियशें की गुटबाजी भी कम जवाबदार नहीं हैं।    
 
सदभाव से अब दुर्भाव क्यों?
सिवनी। जिले में आजकल फोरलेन में रुचि लेने वालों के बीच में चटखारे लेकर यह चर्चा होती देखी जा रही हैं कि सिवनी से खवासा तक फोर लेन बनाने वाली सदभाव कंपनी से कुछ उसके पुरानें अंध भक्त अब दुर्भाव क्यों रखने लगे हैं? सन 2007 से फोर लेन का काम करने वाली सदभाव कंपनी ने इस दौरान जो भी अनियमिततायें की उन्हें नजर अंदाज कर उनके प्रवक्ता क्ी भूमिका अदा करने वाले ही आज जनहित की बात करते हुये सदभाव से दुर्भाव रखते हुये उनकी कब्र्र खोदते देखे जा रहें हैं?यदि अनिमिततायें करके सदभाव ने चोरी की है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिये लेकिन अचानक ही हुये इस हृदय के कारणों को लेकर तरह तरह की बात करते देखे जा रहे हैं।  

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