पगथिया: कोयला: देश लुटते है। फिरंगी की भाषा, सफेद जक्क कपड़े, चापलूसी बोली, नफ्फट , बेशर्म , वादा और भरोसा सरेआम तोड़ते हैं। मकसद है इनका चल द...
6.9.12
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
पगथिया: कोयला: देश लुटते है। फिरंगी की भाषा, सफेद जक्क कपड़े, चापलूसी बोली, नफ्फट , बेशर्म , वादा और भरोसा सरेआम तोड़ते हैं। मकसद है इनका चल द...
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