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15.9.12

थप्पड़ मारकर गाल लाल


थप्पड़ मारकर गाल लाल 

एक चोपाल पर कुछ युवा बैठे थे ,तभी वहाँ पर गाँव का वृद्ध जो खुद को बहुत नीतिज्ञ समझता
था,आया। युवक उस समय अपनी-अपनी ताकत की बाते कर रहे थे।उनके टमाटर जैसे गाल
देख कर उस वृद्ध को उनकी ताकत से इर्ष्या हो गयी।कुछ देर वह उन सबकी बाते सुनता रहा
और फिर बोला -मुझे भी आप जैसा लाल टमाटर जैसा गाल चाहिए।
   युवको ने उस वृद्ध को समझाया -आप का गाल उम्र के तकाजे की वजह से लाल नहीं हो सकता
मगर वह हर कीमत पर लाल गाल की रट लगाए रहा।युवक विचार विमर्श करके बोले -आपकी
बुद्धि सठिया गयी है ,आप जानते हैं आपके गाल लाल नहीं हो सकते मगर फिर भी जिद करते हैं
तो एक तरीका है -आप अपने हाथो से गाल पर तब तक थप्पड़ मारते जाए जब तक गाल लाल
नहीं हो जाये।
बुढ्ढे ने दनादन गाल पर थप्पड़ जमाये ,गाल लाल हो गये।वहाँ से उठ कर वृद्ध व्यक्ति दुसरे चोपाल
की ओर बढ़ गया ,उस चोपाल पर कुछ रईस बुजुर्ग बैठे थे।उन बुजुर्गों ने आगन्तुक वृद्ध के सूजे
हुए गाल देख कर पूछा -महाशय ,आपके गाल लाल -लाल होकर सूज क्यों गये हैं।वृद्ध ने अपनी
नई ताकत आने की बात कही।
उन वृद्ध रईसों ने ठहाका लगाया और अपनी रईसी के बातों में लग गये। उनकी बाते सुनकर उस
वृद्ध को भी रईसी दिखाने की तलब जगी।उसने उन रईसों से पूछा-मेरे को भी अब रईस दिखना है
कोई उपाय बताएं।वो रईस बोले -हम लोगो ने जवानी में खूब मेहनत की तब जाकर अब रईसी
भोग रहे हैं। मगर वह वृद्ध रईसी हर कीमत पर दिखनी चाहिए कि बात पर अड़ गया और उनसे
उपाय पूछने लगा।
उन रईस वृद्धों ने आपस में विचार-विमर्श किया।उन्हें लगा कि इसकी बुद्धि सठिया गयी है ,वे बोले
"तेरे बाप-दादा की सम्पति बेच कर तू कुछ दिन हमारे जैसी रईसी दिखा सकता है लेकिन आखिर
में तेरे को कंगला होना पड़ेगा "
उस वृद्ध को जवानी और रईसी ही जँच रही थी।वह वहां से जाते हुए बोला -मुझे जाना होगा और पुरखों
की सम्पत्ति को बेच कर रईसी लानी होगी।वह बोला-"मित्रो में अब जाता हूँ ,मैं अब मर सकता हूँ
मगर बिना रईसी जीवन के नहीं रह सकता हूँ।मैं सब बेच कर कुछ दिन का रईस बनूंगा।
वह वृद्ध अपने सठिया पन  के कारण अपनी सम्पत्ति बेच दी उसके पागलपन का नतीजा उसके बच्चे
भोग रहे हैं।
 सार -  आज भी ऐसे रईस भावी पीढ़ी को खाई में धकेल खुद रईस दिखने की हौड़ में लगे हैं          

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