स्वतंत्र भारत के एक भीष्म
कल बाबु का निधन हो गया, बाबु यानि की भारतीय विकास की एक धुरी, बाबु यानि की एक कल्पना जिसने वाकई कल्पना को अंजाम दिया हो, बहुमुखी प्रतिभा के मालिक बिरला जी।
बिरला जी के निधन पर भड़ास परिवार शोकाकुल है और वयोवृद्ध भीष्म को श्रद्धांजलि देता है। बिरला जी का योगदान और भारतीय विकास किसी से छुपा नही है, उद्योगों, शिक्षा,संगठन और मीडिया और सबके धुरी बाबु जी,
बाबु जी का मीडिया समूह दी हिन्दुस्तान टाईम्स लिमिटेड एक मील का पत्थर था जिसे बाबूजी ने अपने खून से सींच कर बनाया था, गुणवत्ता और पत्रकारिता के साथ लोगों का मध्यम हिन्दुस्तान टाइम्स समूह बाबु जी के ज़माने में वाकई में पत्रकारिता के माप दंड हुआ करता था, मगर बाबूजी के बाद समूह के व्यवसायी करण ने पत्रकारिता के जिस तरह से चीथरे उडाये जरुर ही बाबु जी भी दुखी हुआ करते होंगे।
बहरहाल भारतीय उद्योग, विकास और पत्रकारिता उद्योग के साथ लोगों के लिए आम खयालात वाले बाबूजी को श्रधांजलि।
बिरला जी के निधन पर भड़ास परिवार शोकाकुल है और वयोवृद्ध भीष्म को श्रद्धांजलि देता है। बिरला जी का योगदान और भारतीय विकास किसी से छुपा नही है, उद्योगों, शिक्षा,संगठन और मीडिया और सबके धुरी बाबु जी,
बाबु जी का मीडिया समूह दी हिन्दुस्तान टाईम्स लिमिटेड एक मील का पत्थर था जिसे बाबूजी ने अपने खून से सींच कर बनाया था, गुणवत्ता और पत्रकारिता के साथ लोगों का मध्यम हिन्दुस्तान टाइम्स समूह बाबु जी के ज़माने में वाकई में पत्रकारिता के माप दंड हुआ करता था, मगर बाबूजी के बाद समूह के व्यवसायी करण ने पत्रकारिता के जिस तरह से चीथरे उडाये जरुर ही बाबु जी भी दुखी हुआ करते होंगे।
बहरहाल भारतीय उद्योग, विकास और पत्रकारिता उद्योग के साथ लोगों के लिए आम खयालात वाले बाबूजी को श्रधांजलि।
1 comment:
भाई,एक कहानी और खत्म हो गई बस इस कहानी के केंद्रीय नायक बाबूजी थे..... एक आदमी था...एक दिन वो......
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