विवाह पूर्व कन्याओं का सामूहिक गर्भ परीक्षण कराए जाने के मामले को सड़क से लेकर संसद और विधानसभा में बवाल खड़ा हो गया। यह मामला राज्य सभा में गूंजा और इसे मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने भी उठाया। राष्टीय महिला आयोग ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर शहडोल भेजने की तैयारी की है। आयोग अध्यक्ष गिरिजा व्या ने कड़ा रूख अपनाते हुए राज्य सरकार से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। विवाह समारोह में 14 युवतियां जांच में गर्भवती पाई गई थी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर शहडोल में धरना देकर घटना की निंदा की। विरोध करने वालों ने विवाह समारोह में मौजूद रहे विधायक समेत तमाम जिम्मेदार आला अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 30 जून को शहडोल में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में आई 152 कन्याओं का गर्भ परीक्षण कराया गया था। मध्यप्रदेश विधानसभा में शहडोल जिले में गर्भ परीक्षण कराने का मामला शून्यकाल में उठाया गया। कांग्रेस के रामनिवास रावत ने इस शर्मनाक घटना पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने रावत द्वारा रखी गई बात को रिकार्ड में दर्ज होने की बात कहते हुए कहा कि इस संबंध में मेरे कक्ष में आकर चर्चा कर लें। इस घटना की अनेक राजनीतिक दलों के नेता, समाज सेवी संगठन एवं स्वैच्छिक संगठन निंदा कर जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर चुके है। इस संबंध में अभी तक राज्य सरकार की तरफ से स्पष्ट रूप से कोई जवाब भी नहीं आया है।
इस मामले की सबसे पहले जांच-पड़ताल कर पीपुल्स समाचार के सिटी चीफ राजेन्द्र गहरवार ने जनता के सामने उजागर किया था।
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15.7.09
पहले गर्भ परीक्षण, फिर कन्यादान
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