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26.7.09

मायावती,मुख्यमंत्री है या फिर लेडी हिटलर ?


-दिनेश शाक्य-
किसी भी धरना प्रदर्शन के दौरान हमेशा यही नारा लगाया जाता है, जो हम से टकराएगा चूर चूर हो जायेगा... यही नारा आजकल उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए अपना लिया है। मायावती और उनके सिपहसालार अपने हर तरह के विरोधियों को जबाब देने के लिए इसी नारे का इस्तेमाल कर सबक सिखा रहे हैं। अब बात करते हैं उस छात्र की जिसने मायावती के लिए गुस्से में अपनी कॉपी में कुछ तीखा लिख दिया। फिर क्या था गुस्सा था जो फूट पड़ा लेडी हिटलर की शक्ल के रूप में।
बात करते है देवरिया के इंटरमीडिएट के एक छात्र की जिसने यूपी की मुख्यमंत्री मायावती की शान में छोटी सी गुस्ताखी क्या कर दी। पूरा का पूरा शिक्षा महकमा इस छात्र का करियर बर्बाद करने पर तुल गया है। परीक्षा की कॉपी में अपना गुस्सा उतारने वाले इस छात्र को हमेशा के लिए बोर्ड परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल इस छात्र को अंग्रेजी की जगह संस्कृत का पर्चा दे दिया गया था। छात्र ने यूपी बोर्ड और मायावती के खिलाफ कॉपी में गुस्सा निकाल डाला। बोर्ड परीक्षा की कॉपियों में चौंकाने वाली और ऊल जलूल बातें लिखना कोई नई बात नहीं है। लेकिन देवरिया जिले के कयामुद्दीन अंसारी को ये गलती भारी पड़ी। कयामुद्दीन अब कभी भी यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएगा। कयामुद्दीन इंटरमीडिएट का छात्र है। परिजनों के अनुसार पिछले साल परीक्षा के दिन कयामुद्दीन को अंग्रेजी की जगह संस्कृत का पेपर थमा दिया गया। उसने इस बात की शिकायत टीचरों से की। लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी। कयामुद्दीन का ये पेपर खराब हो गया। गुस्सा में आकर उसने इस कॉपी में मुख्यमंत्री मायावती और यूपी बोर्ड के खिलाफ अपना गुस्सा उगल डाला। कयामुद्दीन ने कॉपी में ढेरों बातें लिख डालीं। नतीजा ये निकला कि पहले उसके खिलाफ एफआईआर हुई और अब यूपी बोर्ड ने उस पर हमेशा के लिए पाबंदी लगा दी है।
जानकारी के लिए बता दूँ कि कयामुद्दीन बेहद गरीब परिवार से है। पिता की दर्जी की दुकान पर काम करके वो परिवार का पेट पालता था। परिवार वालों को उम्मीद थी कि वो पढ़-लिख कर घर का बोझ उठा पाएगा, लेकिन सारे सपने टूट गए। घरवालों के मुताबिक 17 साल के कयामुद्दीन ने जान-बुझकर ऐसा कुछ भी नहीं किया था जिससे मुख्यमंत्री मायावती की शान में गुस्ताखी हो। पुलिस इतनी बार घर आई की कयामुद्दीन को घर छोड़ कर भागना पड़ा। पुलिस कि रिपोर्ट के आधार पर कयामुद्दीन की पढाई पर तो ब्रेक लगा ही दिया गया है, उस प्रिंसिपल और टीचर को भी सजा दी गई है जिसने मूल्यांकन के दौरान इस पूरी घटना का खुलासा किया था। एक छात्र की नादानी भरे मामले में हुई इस बड़ी कार्रवाई से हर कोई दंग है।
इसमें कोई दोमत नहीं है कि कयामुद्दीन ने गलती की है। पहले उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज और अब बोर्ड परीक्षा के लिए हमेशा के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाने से इस छात्र का करियर अधर में पड़ गया है। कयामुद्दीन ने हाईस्कूल परीक्षाओं में अच्छे नंबर हासिल किए थे। ऐसे में गलत पेपर मिलने की घटना ने कहीं ना कहीं उसे गुस्सा आया होगा और ये गलती कर बैठा। अब इन मायावती हालातों को देख कर यही कहा जा सकता है कि मायावती मुख्यमंत्री कम लेडी हिटलर ज्यादा समझ में आती है...
दिनेश शाक्य
रिपोर्टर
सहारा समय
ब्लॉग : http://chambalghatietawah.blogspot.com

2 comments:

शिखा शुक्ला said...

saal bhar ki mehnat ke baad ain mauke per kisi doosre subject ka paper rakh diya jaye to gussa aana swabhavik hai. aese me jab mamla samane aa gya tha to us student ki kuch madad ki jani vhahiye thi. keval murtiya aur smarak banva dene bhar se koe bhagwan nahiho jata. agr mukhyamantri us chatra ki kuch madad karti to shayad unke es acche kam se logo ke man me unki acchi chavi banti par es tarah apne apko jabrjasti sabse upar sabit karke ve poori janata ke man me aakrosh jaga rahi hai. janta ne hi unhe etni takat dee hai to unse ye takat cheen bhee sakati hai . mujhe khushi hai ki es samaya ek mahila mukhyamantri hai .par eska faayada pradesh ko milna chahiye jo nahimil rha hai.pradesh memahilaao ki buri sthiti par unki najar kabhi nahi jati ve to bas apne me hilagi hai. kursi jane ke baad log keval apke kam ko yad karte hai apko nahi unhe yah samajhana hoga.

ramesh dhobi said...

mayavti ji ne berojgaro ke liye rojgar ki koi byavastha nahi ki jo kuch sarkari naukariya thi jinka avedan liya usme bhi kuch nahi kiya ab vidhan sabha chunav a gaya ap jit chuki bahan ji berojgar bevkuf nahi hai mulayam government hoti to extra seate full ho gayee hoti.