धीमी सी आवाज़ ,माथे पर उम्र की झुर्रियां ..शांत सी छवि,एक शानदार होंसला ..और एक कामयाब लिखावट जो तीर से भी तेज़ चुभती है प्रभाष जोशी.....continue...click salaamzindagii
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
धीमी सी आवाज़ ,माथे पर उम्र की झुर्रियां ..शांत सी छवि,एक शानदार होंसला ..और एक कामयाब लिखावट जो तीर से भी तेज़ चुभती है प्रभाष जोशी.....continue...click salaamzindagii
1 comment:
प्रभाष जी को हमारी और संस्कारधानी जबलपुर की ओर से विनम्र श्रद्धांजलियाँ .
- विजय तिवारी ' किसलय '
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