आरपीएससी चयनित बीएड शिक्षकों को नहीं मिल पाएगी वेतनवृद्धि
सरकार की गलती का खामियाजा भुगतेगें बीएड धारी शिक्षक
जहां राज्य सरकार, शिक्षा विभाग और कानून की दृष्टि से राज्य कर्मचारी सभी वर्ग चाहे महिला हो या पुरूष, सभी को एक ही माना जाता है, उनमें कोई भेदभाव नहीं बरतते हुए उनकी वेतन एवं सुविधाएं एक समान होती है लेकिन गत वर्षों में आरपीएससी चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में इस श्लोगन की धज्जियां उड़ रही है। हैरत की बात तो यह है कि इस बात को लेकर सभी परेशान है कि इन आरपीएससी शिक्षकों के साथ ऐसा क्यों हुआ कि जो सालाना वेतनवृद्धि एक जुलाई को मिलती है वह एसटीसीवर्ग के शिक्षकों को तो मिलेगी लेकिन बीएड के शिक्षकों को उसी वर्ष नहीं मिलेगी। ऐसे में समान विज्ञप्ति और परीक्षा होने के बावजूद भी एक ही केडर के लोगों में भेदभाव हो गया है, जिस पर बीएडधारी शिक्षक मौन नहीं रहेंगे।
राज्य सरकार द्वारा आरपीएससी के माध्यम से शिक्षकों का चयन किया गया था जिसमें एसटीसी डिग्री व बीएड डिग्रीधारकों को प्रवेश हेतु आमंत्रित किया गया था। दोनों भिन्न-भिन्न डिग्रीधारियों की आरपीएससी की विज्ञप्ति एक ही दिन प्रकाशित की गई थी तथा परीक्षा का आयोजन भी साथ में ही किया गया था, जिसका परिणाम भी साथ ही में प्रकाशित किया गया था। लेकिन राज्य सरकार की ढूलमूल नीति के चलते आरपीएससी चयनित एसटीसी वर्ग के शिक्षकों की काउन्सिलिंग पहले करवा कर नियुक्ति दे दी गई तथा बीएड धारी शिक्षकों में कुछ माह का अंतर करते हुए काउन्सिलिंग करवाई गई जिससे उनकी नियुक्ति में देरी हो गई।
जीवनभर उठायेंगे खामियाजा
अब स्थिति वेतनवृद्धि को लेकर आती है जहां इन नवनियुक्त शिक्षकों के दो वर्ष का परीवीक्षा काल खत्म होने पर इन्हें समान वेतनवृद्धि की श्रृंखला में लेते हुए निरन्तर वेतनवृद्धि करते हुए वेतन दिया जाता है किन्तु जहां एसटीसी वर्ग के शिक्षकों का परीवीक्षा काल बीएडधारी शिक्षकों से तीन माह पूर्व ही पूर्ण हो जाने से इन्हें वेतनवृद्धि का लाभ पहले मिल रहा है किन्तु तीन माह की देरी होने से बीएड वर्ग के
शिक्षकों का वेतनवृद्धि का लाभ डेढ़ वर्ष आगे की ओर खिसक गया है जिसका खामियाजा इनको जिन्दगी भर भुगतना पड़ेगा, जो असमंजस की स्थिति है। क्योंकि बीएड वर्ग धारी शिक्षक इस खामियाजे को क्यों भुगते। बीएड के शिक्षकों की योग्यता अधिक होते हुए भी एसटीसी वर्ग के शिक्षकों को तीन माह का अतिरिक्त वेतन, वेतनवृद्धि के साथ कई सुविधाएं भी बीएड वर्ग की बजाय मिल रही है।
सरकारी आदेश ने उड़ाई नींद
आरपीएससी से चयनित बीएडधारी शिक्षक को बीईओ से जब वेतनस्थिरीकरण के आदेश प्राप्त हुए और उनकी वार्षिक वेतनवृद्धि जुलाई 2010 में नहीं होकर जुलाई 2011 में अंकित पाया गया तो ऐसे में सभी आरपीएससी चयनित बीएडधारी शिक्षक इस पेशोपेश में पड़ गये कि एसटीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की वेतनवृद्धि जुलाई 2010 है तो उनकी वेतनवृद्धि जुलाई 2011 क्यों है, जो एक वर्ष पीछे की ओर धकेलती है।
क्या है नियम
प्रत्येक राजकीय कर्मचारी जो राज्य सरकार के अधिनस्थ नियुक्ति पाकर काम करता है उसे दो वर्ष के सफलतापूर्वक परीवीक्षा काल के अलावा न्यूनतम छः माह बाद उनकी वार्षिक वेतनवृद्धि 3 प्रतिशत की जाती है जो सभी कर्मचारियों को एक जुलाई प्रति वर्ष दी जाती है। ऐसे में सरकार की प्रारंभिक ढूलमूल प्रक्रिया से इस नियम के अंतर्गत एसटीसी वर्ग के अभ्यर्थी तो पात्र हो गये किन्तु बीएड वर्ग के अभ्यर्थी वंचित रह गये, जो एक ही केडर के शिक्षकों के साथ भेदभाव है और नियमानुसार कानूनन गलत है।
ये शिक्षक होंगे प्रभावित
वेतन वृद्धि को लेकर जिले भर के लगभग 450 शिक्षक और पूरे राज्य भर में 18000 शिक्षक प्रभावित होंगे।
पूर्व में यह था नियम
वेतन वृद्धि को लेकर जहाँ राज्य के 18000 शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं पूर्व में एस.टी.सी. और बी.एड. के शिक्षकों में वेतन वृद्धि के अन्तर में बी.एड. के शिक्षकों को दो अतिरिक्त अग्रिम वेतन वृद्धियां देने का प्रावधान था। जब शिक्षकों का मूल वेतन 1200रुपये था लेकिन आज इस परिपेक्ष में बी.एड. के शिक्षकों से एस.टी.सी. के शिक्षक वेतन वृद्धि में आ गये है।
यह होगा नुकसान
सरकार की प्रारंभिक प्रक्रिया में हुए तीन माह की देरी से बीएड धारी शिक्षकों को जुलाई 2010 की वेतनवृद्धि से वंचित रहने पर 3 प्रतिशत प्रतिमाह 335 रूपये की वृद्धि और इस पर मिलने वाला महंगाई भत्ता और मकान किराया जो 37 प्रतिशत है वह 124 रूपये बनता है। कुल मिलाकर 459 रूपये प्रतिमाह और सालाना 5508 रूपये का नुकसान होगा जो प्रतिवर्ष उत्तरोतर बढ़ता रहेगा।
”वेतन वृद्धि को लेकर बी.एड. शिक्षक वंचित हो रहे है जो एक ही कैडर के शिक्षकों में असमानता हो जायेगी। हम राज्य सरकार से अनुरोध करते है कि इसमें हस्तक्षेप कर बी.एड. शिक्षकों को वेतन वृद्धि का फायदा दिलाया जावें“ -
(हंसराज सालवी)
जिलाध्यक्ष, Chittorgarh Rajasthan
मो. 9460361894, 9928180654
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