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9.2.10

मैंने पतरकारिता के साथ साथ पुतले बेचने शुरू कर दिए हैं

पतरकार की लाइफ क्या होती है सभी को पता है। पिछले दिनों में काफी तंगी के दिनों में चल रहा था ऊपर से ऐसे नेताओं के फ़ोन जो पुतला फूंकते हुए अपना फोटो किच्वा कर अखबार में लगवाना कहते हैं। पिछल्ले पंद्रह दिनों से ३५ ख़बरें पुतला फुकने की कर चूका हूँ। जगह है काशीपुर का मेन तिराहा। तनखाह नहीं आ रही कोई विज्ञापन भी नहीं दे रहा। मुझे एक आईडिया और मैंने पुतला फूंके वालों के मोबाइल नंबर लिए और उनको कहा की अगर में आप को पुतले भी बना कर दूँ तो आप मुझे कुछ न कुछ तो दे ही दोगे। सौदा पट गया और मेरा धंधा आज कल मस्त चल रहा है। एक पुतला २०० रुपए में देता हूँ साथ में ही एक खबर की गारंटी भी। दिन में अब पुतले भी ज्यादा फुक्वा रहा हूँ। में और मेरा सम्रमण दोनों मिल कर रात को तीन पुतले तीयार करते हैं। रात को ही नेताओं को मुड़े भी बताते हैं की कल तुम किस बात पर पुतला फूँक सकते हो। तुम्हारा फोटो एक दम झकास छपेगा। सुभाह तक तीन नेता तियार हो जाते हैं। और हमें ५०० रुपए बच जाते हैं। अभी तक भी नेवसपपेर के पाठकों को समझ में नहीं आ पा रहा है आखिर आज कल अखबार में पुतले फूकने के समाचार भर भर के क्यों आ रहे हैं। हाला की यह अंदर की बात है। पर इस लिए भड़ास पर दे रहा हूँ क्यों की भड़ास पैर मेरे जैसे कई पतरकार भाई हो सकते हैं। जो इस धंधे में आ सकते हैं पर पार्ट टाइम। काशीपुर में किरपा मेरा मुकाबला कोई न करें क्यों की मेंने अपने पुतलों का पटेंट करवा दिया है। मेरे किसी भी पतरकार भाई के पास ऐसा कोई आईडिया हो तो जरुर बताना। खबर की खबर कमाई के कमाई। है न आम के आम गउठ्लिओं के दाम।
प्रेम अरोड़ा

3 comments:

satyendra said...

अच्छा आइडिया लगाया भाई, कुछ ऐसी आइडिया आपके पास और भी हो तो बताइएगा। मुझे भी अब साइड बिजनेस करना है।

abhishek said...

Dear Pream,
Bhai aap to kamal ka kaam kar rahen hain! main sach bataun to muje ye sab padh kar maza aa gaya! aap es doglate hote patkarita mein teek unehin ki tahra jawab bhi de rahen hai! wo bhi mehnat ke saath! akhirkar aap putley banane mein kuch to mehnat kar hi rahein hai!
bhai wah maza aa gaya!!!hahahah!!!

Unknown said...

Zee Zarur Batunga