----- चुटकी----
धर्म गुरु के सामने
पकवानों के ढेर,
बाप बिलखता रोटी को
समय का देखो फेर।
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लंगर हमने लगा दिए
जीमे किये हजार,
भूखे को रोटी नहीं
ये कैसा धर्माचार।
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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