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25.3.11

बच्चों को घर से मिलें राष्ट्रधर्म के संस्कार........ !


अपनी मातृभूमि......... राष्ट्रीय प्रतीक..... संस्कृति...... सभ्यता और जीवन दर्शन का सम्मान किसी भी देश के नागरिकों का धर्म भी है और कर्तव्य भी। आज की पीढी में देखने में आ रहा है देश की गरिमा और स्वाभिमान का भाव मानो है ही नहीं। देश के कर्णधारों के ह्दय में अपनी जन्मभूमि के प्रति जो नैर्सगिक स्वाभिमान होना चाहिए उन संस्कारों की अनुपस्थिति विचारणीय भी है और चिंताजनक भी। पूरी पोस्ट यहाँ पढ़िए.....

1 comment:

आपका अख्तर खान अकेला said...

doctor monikaa ji shi chintn or raashtriytaa ka shi ilaaj he . akhtar khan akela kaota rajsthan