शंकर जालान कोलकाता, जोड़ासांकू विधानसभा क्षेत्र से वोममार्चा समर्थित माकपा उम्मीदवार जानकी सिंह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राज्य की जनता को गुमराह करते हुए सुशासन के नाम पर कुशासन को बढ़ावा देना चाहती है। उन्होंने कहा कि मेरी जीत पक्की है और इसमें भी कोई संदेह नहीं कि राज्य में आठवीं बार भी वाममोर्चा की ही सरकार बनेगी। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की परिवर्तन की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि होता तो गया परिवर्तन, तृणमूल कांग्रेस ने पहले शांतिलाल जैन को उम्मीदवार बनाया था और परिवर्तन करते हुए स्मिता बक्सी को टिकट दे दिया।बातचीत में जानकी सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी आज यह कह रही हैं कि पश्चिम बंगाल में गणतंत्र नहीं है वह अपने गिरेवान में झांके। जिस पार्टी में उनके (ममता) अलावा किसी को बोलने की इजाजत नहीं है उस पार्टी की प्रमुख अगर गणतंत्र की बात करे तो यह हास्यास्पद लगता है।उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इस बात की गवाह है कि तृणमूल कांग्रेस ने हर विकासशील परियोजना का विरोध किया। रास्ता काट कर आंदोलन करने वाले माओवादियों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वे मतदाताओं के पास वाममोर्चा का चुनाव घोषणा पत्र लेकर जा रही हैं और उसी के आधार पर वोट मांग रही है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से उन्हें मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है उसे देखते हुए उन्हें विधानसभा भवन पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी कहती हैं वे हर जिले में उद्योग स्थापित करेंगी। दूसरी ओर यह भी कहती हैं कि इसके लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। बगैर जमीन के कैसे उद्योग लगेगा यह सोचने का विषय है। राज्य के जनता बनर्जी के शब्जबाग को भलीभांति समझती है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही ममता के रेल मंत्रालय के कामकाज को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि अगर तृणमूल सत्ता में आई तो कैसी होगी राज्य की स्थिति। उन्होंने कहा कि रेलमंत्री बनने के पूर्व एक रुपए आमदनी की एवज में 75 पैसे खर्च होते थे। ममता के रेलमंत्री बनते ही में एक रुपए के एवज में 98 पैसे खर्च होने लगे। इसके अलावा मालगाड़ी ट्रेनों का परिचालन कम हुआ है। उन्होंने कहा कि ट्रेनें लगातार बढ़ रही है पर व्यवस्थाएं क्या है किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में मतदाता सोच ले कि राज्य में अराजकता चाहिए कि शांति? उन्नति या हिंसा?आपके खिलाफ भाजपा ने मीना देवी पुरोहित और तृणमूल कांग्रेस ने स्मिता बक्सी को मैदान में उतारा है और ये दोनों बीते कई सालों से पार्षद हैं। पुरोहित ने डिप्टीमेयर रह चुकी हैं, जबकि बक्सी बोरो चेयरमैन हैं। ऐसे में आप को नहीं लगता कि पुरोहित और बक्सी तुलना में आपका राजनीति ज्ञान कम है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कतई नहीं। उन्होंने माना कि उनकी दोनों प्रतिद्वंदी फिलहाल पार्षद है, लेकिन इससे चुनावी नतीजों पर कई फर्क नहीं पड़ेगा। इसका खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि वे 1968 से राजनीति में है और 1969 में उन्होंने माकपा की सदस्यता ली, तब से आज तक यानी करीबन 42 वर्षोम तक संगठन, छात्र, युवा और महिलाओं के लिए उन्होंने पार्टी के बैनर तले कई काम किए है, जिसका प्रतिफल विधानसभा चुनाव में वोट के रूप में उन्हें मिलेगा। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में किसी निकटतम प्रतिद्वंदी मानती हैं? इसका उत्तर देते हुए जानकी सिंह ने कहा किसी को नहीं, मेरी जीत निश्चित है।
29.3.11
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