* कविता
एक पत्नीव्रत
मैं हमेशा एकपत्नीव्रत
का समर्थक रहा
मैंने इसे जीवन भर निभाया
बीस से तीस तक
एकपत्नीव्रत
तीस से चालीस तक
एकपत्नीव्रत ,
फिर चालीस से पचास तक
एकपत्नीव्रत ,
और अब पचास के बाद
निष्ठापूर्वक
एकपत्नीव्रत निभा रहा हूँ |
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