श्रीगंगानगर-अब ठीक है। बेक़रार दिल को सुकून मिल गया। मन प्रसन्न है। आत्मा ख़ुशी के तराने गा रही है। हिन्दूस्तान क्रिकेट का बादशाह बन गया। सब चिंताएं समाप्त। कोई परेशानी नहीं। देश में क्रांति होगी। कप आ गया अब जो आपके सपने हैं सब पूरे हुए समझो। घोटाले नहीं होंगे। जो हो चुके उनके पैसे सरकारी खजाने में आ जायेंगे। नेता ईमानदार हो जायेंगे। करप्शन इतिहास बन जायेगा। देश में कानून का राज होगा। कानून भी सब के लिए बराबर। जाति,धर्म,अमीर,गरीब देख कर कोई भेद भाव नहीं। मंत्री भी सरकारी कर्मचारी,अफसर की तरह दफ्तरों में बैठेंगे। वे भी तो वेतन लेते हैं। जनता के काम कर्मचारी,अधिकारी,मंत्री अपना काम समझ कर तुरंत करेंगे। अब फैसले नहीं न्याय होगा। पीड़ित को न्याय के लिए इंतजार नहीं करना होगा। वह खुद उसकी चौखट पर आएगा। पुलिस दादागिरी छोड़कर प्रताड़ित का साथ देगी। खुद किसी को तंग परेशान नहीं करेगी। अपराधियों से अपनी मित्रता तोड़ देगी। सज्जन लोगों का साथ करेगी। थानों में सुनवाई होगी। ऊपर की कमाई नहीं होगी। फरियादी को भटकना नहीं पड़ेगा। नेता जनता के प्रति जवाबदेह होंगे। चुनाव में भले आदमी खड़े होंगे। कई भले लोगों में से सबसे भले को चुनना होगा। नगर पालिका से लेकर संसद तक में जनता के लिए काम होगा। हल्ला-गुल्ला,लड़ाई झगडा,मार-पीट, गाली-गलौच बिलकुल बंद। संवेदनशील अफसर फिल्ड में लगेंगे। काम के लिए सिफारिश की जरुरत ख़तम। सरकारी अस्पतालों में इलाज होगा। सभी उपकरण एकदम ठीक काम करके सही रिपोर्ट देंगे। दवाई सस्ती होगी। जेलों में सालों से बंद पड़े बंदियों की सुनवाई होगी। रसोई का सामान सस्ता होगा । भिखारी नहीं रहेंगी। सबको योग्यता के हिसाब से काम मिलेगा। कोई भूखा नहीं सोयेगा। सब के तन पर कपडे होंगे। बेघर के घर अपने होंगे। काला धन सब देश में आ जायेगा। वह देश,जनता की उन्नति के लिए खर्च होगा। हमारा प्रधानमंत्री मजबूर नहीं होगा। अफजल,कसाब को फंसी होगी। जम्मू-कश्मीर सच में हमारा होगा। जैसे बाकी राज्य। टैलेंट की कद्र होगी। आरक्षण नहीं रहेगा। न्यूज चैनलों पर खबर दिखाई जाएगी। कलयुग सतयुग में बदल जायेगा। दूध दही की नदियाँ बहने लगेगी।देश की सभी समस्याओं का अंत तुरंत हो जायेगा। अमेरिका की हुकूमत हिन्दूस्तान पर नहीं चलेगी। दुनिया हमारे इशारे पर चलेगी। क्योंकि हम विश्व विजेता हैं क्रिकेट के। क्या बकवास करते हो? ऐसा कुछ नहीं होने वाला! क्यों? किसने कहा? ना जाने किस किस बात से दुखी, हैरान,परेशान करोड़ों लोग रात भर से ख़ुशी में सराबोर होकर बेवजह थोड़ी नाच रहे हैं। माता पिता के जन्म दिन पर उनको बधाई दी हो या नहीं मगर अब जाने अनजाने सबको मुबारक बाद दे रहे हैं। जब सब खुश हैं। सभी में उमंग है। बधाई दे ले रहे हैं। मिठाइयाँ बाँट रही है। पटाखे चल रहे हैं। सभी छोटे बड़ों के चेहरों पर मुस्कान है। और तुम कह रहो हो कि वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद जनता की किसी भी परेशानी, दुःख,तकलीफ पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वे सब की सब हमारी नियति है। हमारी तक़दीर है। इनको तो भोगना ही है। हम तो वर्ल्ड कप के बहाने कुछ क्षण के लिए इनको भूलना चाहते हैं इसलिए ख़ुशी दिखाकर अन्दर के दर्द छिपा रहे हैं। सच्चाई सबको पता है।
3.4.11
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
वाह क्या कटाक्ष्ा किया है आपने। कुछ ऐसी ही पोस्ट मैं भी लिखने वाला था वर्ल्ड कप की जीत पर। तभी आपकी पोस्ट पर नजर पड गई। बिल्कुल सही लिखा है आपने।
ये सब कुछ होगा तो फिर क्रिकेट कैसे होगा ?
बधाई अच्छा लेख है |
sahi khaha ..pata nhi wo din kab aayega jab ye sach hoga...,
Post a Comment