दिल्ली में कांग्रेस
शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं के साथ
बैठक में 2014 के लिए प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी के सवाल पर कांग्रेस उपाध्यक्ष
राहुल गांधी ने न सिर्फ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को फटकार लगायी
बल्कि दोबारा पीएम की उम्मीदवारी को लेकर सवाल न उठाने की हिदायत भी सभी
कांग्रेसियों को दे दी। ये चाटुकार कांग्रेसियों के लिए सबक तो था ही लेकिन राहुल
का इस तरह फटकार लगाना कुछ और भी ईशारा कर रहा था।
हालांकि इस बात से
इंकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में राहुल गांधी ही
प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन इसके बाद भी राहुल का बार बार पीएम पद की उम्मीदवारी को
लेकर इंकार करना बहुत कुछ कहता है..!
यूपीए 2 सरकार का
कार्यकाल भ्रष्टाचार, घोटाले से घिरा हुआ है तो लगातार बढ़ती महंगाई और आर्थिक
मोर्चे पर सरकार के फैसलों ने देश की जनता को निराश ही किया है। ऐसे में राहुल
गांधी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि 2014 में यूपीए की हैट्रिक की राह आसान तो
बिल्कुल नहीं है।
इन स्थितियों में अगर
राहुल गांधी चुनाव पूर्व पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए तैयार हो जाते हैं और माना इसके
बाद कांग्रेस को 2014 में मात मिलती है तो ये हार सिर्फ कांग्रेस की ही नहीं होगी
बल्कि ये हार राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता की भी होगी..! साथ ही राहुल
गांधी को लेकर ये सवाल भी पुरजोर तरीके से उठेगा कि देश की जनता ने देश के प्रधानमंत्री
के रूप में राहुल गांधी को नकार दिया है और राजनीतिक लिहाज से ये राहुल की बड़ी हार
होगी..!
वर्तमान
परिस्थितियों को देखकर राहुल गांधी को शायद इस बात का आभास भी होगा इसलिए ही राहुल
ने पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर उठाए गए सवाल पर न सिर्फ बहुगुणा को झिड़क दिया
बल्कि लगे हाथों कांग्रेसियों को आगे से इस मुद्दे पर बात न करने की हिदायत दे
डाली।
बिहार, उत्तर
प्रदेश और गुजरात में पार्टी की नैया पार लगाने में विफल रहे राहुल गांधी अब अपने
राजनीतिक जीवन में विफलता का एक और चैप्टर कभी भी शामिल नहीं करना चाहेंगे और इसलिए
ही राहुल ने 2014 में कांग्रेस की चुनावी नैया पार लगाने की पुरजोर कोशिश तो शुरू
कर दी है लेकिन पीएम पद की उम्मीदवारी से दूरी बनाकर..!
बहरहाल 2014 में केन्द्र की
सत्ता हासिल करने के लिए दौड़ शुरु हो चुकी है। सभी राजनीतिक दल हर हाल में मंजिल पाना
चाहते हैं लेकिन एक बार फिर से भाजपा और कांग्रेस ही दौड़ में सबसे आगे हैं ऐसे
में देखना ये होगा कि जनता एक बार फिर से कांग्रेस पर भरोसा करती है या इस बार केन्द्र
में होगा सत्ता परिवर्तन..!
deepaktiwari555@gmail.com
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