विजय बहुगुणा...इन्हें तो जानते ही होंगे आप...जनाब
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं। ये बात अलग है कि 2012 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
बनने से पहले तक राजनीति में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं थे और न ही सीएम की कुर्सी
के दूर दूर तक दावेदार थे। उत्तराखंड में सीएम की कुर्सी को लेकर खींचतान जोरों पर
थी हरिद्वार सांसद और केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत से लेकर नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह
रावत और वरिष्ठ कांग्रेसी इंदिरा हृद्येश तक अपनी – अपनी जुगत में लगे हुए थे लेकिन
अचानक कुछ ऐसा हुआ कि सबको सांप सूंघ गया। दस जनपथ ने सबको दरकिनार कर विजय
बहुगुणा को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया।
विजय बहुगुणा की बहन पुरानी कांग्रेसी हैं...नाम है रीता बहुगुणा जोशी...दस
जनपथ में इनकी अच्छी पहुंच है...अब तो आप समझ ही गए होंगे कि उत्तराखंड में तमाम
दिग्गजों को पछाड़कर कैसे विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री की कुर्सी पा गए..!
ये तो थी पुरानी बात चलिए मुद्दे की बात पर लौटते हैं कि आखिर आज ये पुरानी
बातें क्यों दोहरानी पड़ी। दरअसल दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के
नेताओं की बैठक ले रहे थे। 2014 के आम चुनाव के साथ ही संगठन को मजबूत करने पर कांग्रेसियों
से चर्चा कर रहे थे।
बारी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की आई तो बहुगुणा साहब लगे
राहुल गांधी की तारीफ के पुल बांधने...कहने लगे- आप प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी
संभालनी चाहिए। लगे हाथों वहां मौजूद दूसरे कांग्रेसियों ने भी बहुगुणा की हां में
हां मिलानी शुरू कर दी। चाटुकारिता का इससे अच्छा मौका और कहां मिल सकता था..! लेकिन राहुल कुछ
दूसरे ही मूड में थे।
चाटुकारिता का चटका लगता देख राहुल ने बहुगुणा को जोरदार तरीके से झिड़क
दिया। राहुल बोले- मुझे जो जिम्मेदारी मिली है...वो मैं निभा रहा हूं...आप भी उस
जिम्मेदारी को निभाने पर ध्यान दीजिए जो आपको दी गई है। राहुल ने कहा कि मनमोहन
सिंह काफी अच्छा काम कर रहे हैं और मैं दोबारा इस तरह की बात नहीं सुनना चाहता।
अब क्या था दूसरे कांग्रेसी भी राहुल गांधी के तेवर देख चुप्पी साध गए
लेकिन बहुगुणा साहब को तब तक राहुल ने समझा दिया था कि चाटुकारिता छोड़कर कुछ काम
भी कर लें..!
इस वाक्ये के बाद शायद आप और बेहतर तरीके से समझ गए होंगे कि विजय बहुगुणा
आखिर कैसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुए होंगे..!
deepaktiwari555@gmail.com
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