मित्रों,इसलिए काफी सोंच-समझकर मैंने इस वेबसाईट हाजीपुर टाईम्स की शुरुआत की है। मैं जानता हूँ कि किसी भी साधन का सदुपयोग भी हो सकता है और दुरूपयोग भी। मैं आपलोगों को भरोसा दिलाता हूँ कि मैं इसका सिर्फ-और-सिर्फ सदुपयोग ही करूंगा। मैं ऐसा इसलिए कर सकता हूँ क्योंकि मैं साईं इतना दीजिए जामे कुटुम्ब समाय में विश्वास रखता हूँ। मेरे लिए पैसा कमाने मूल लक्ष्य न तो कभी रहा है और न ही आगे रहनेवाला है। धनालाभ होना तो चाहिए लेकिन मुख्य उत्पाद के रूप में नहीं सहउत्पाद के रूप में। मेरी यह वेबसाईट साधन बनेगी वैशाली से भ्रष्टाचार के समूल उन्मूलन का और आवाज बनेगी आम आदमी की पीड़ा का। इसके तेवर वही रहेंगे जो मेरे ब्लॉग ब्रज की दुनिया के थे या हैं। हमने यह वेबसाईट मौजूदा ढर्रे पर पत्रकारिता करने के लिए स्थापित नहीं किया है बल्कि संपूर्ण पत्रकारिता जगत को यह बताने के लिए किया है कि पत्रकारिता कैसे की जानी चाहिए। मैं अब तक सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चला हूँ और आगे भी चलता रहूंगा। सरकारी नौकरी अगर मुझे पानी रहती तो मैं रामविलास पासवान के रेलमंत्री रहते हुए सेटिंग करके रेलवे में घुस गया होता। मैं जानता हूँ कि मेरा पथ अग्निपथ है। कदम-कदम पर मुझे मरणांतक पीड़ा झेलनी पड़ेगी परंतु मेरे हौंसले हमेशा की तरह बुलंद हैं।
मित्रों,एक बात और। हो सकता है कि मेरी वेबसाईट का नाम हाजीपुर टाईम्स देखकर आपको लग रहा हो कि इसका परास सिर्फ हाजीपुर शहर या ज्यादा-से-ज्यादा वैशाली जिला रहनेवाला है। ऐसा हरगिज नहीं होने जा रहा है। जैसा न्यूयार्क टाईम्स मतलब केवल न्यूयार्क नहीं होता या वाशिंगटन पोस्ट का अर्थ केवल वाशिंगटन भर नहीं होता वैसे ही हाजीपुर टाईम्स नाम होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इसमें सिर्फ हाजीपुर से समाचार ही शामिल होंगे या हाजीपुर या वैशाली की घटनाओं की ही विवेचना की जाएगी बल्कि इसकी जद में पूरी दुनिया होगी,पूरी मानवता होती। हाँ,उसका परिकेंद्र जरूर हाजीपुर में होगा। अंत में मैं आप सभी शुभेच्छुओं से अपने इस नवजात शिशु के लिए आशीर्वाद की कामना करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपलोग मुझे निराश नहीं करेंगे।
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