26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर विशेष
प्रलोभन में निर्णय लेता रहेगा जन तो कैसे मजबूत होगा जनतंत्र?
आज हम गणतंत्र दिवस की 64 वीं सालगिरह मनाने जा रहें है। इन वर्षों में हमारा प्रजातंत्र कितना मजबूत हुआ और क्या खामियां विकसित हुयीं? इन पर विचार करना आवश्यक है। देश में मतदान की भागीदारी बढ़ना एक शुभ लक्षण है। लेकिन एक बात और देखी जा रही है कि चाहे राजनैतिक दल हों या फिर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने वाले हों वे अपनी नीतियों और सिद्धान्तों के स्थान पर मतदाताओं को प्रलोभन देते हुये कुछ भी वायदे करके वोट बटोर कर जीतने की कवायत में जुटे देखे जा सकते है। कहीं जातिवाद का प्रलोभन रहता है तो कहीं समाज के विभिन्न वर्गों को मुफ्त में सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रलोभन दिया जाता है। कहीं कहीं तो ऐसा भी होंता है कि ना पूरे हो सकने वाले वायदे भी नेता कर देते है और वोट बटोर कर जीत हासिल कर लेते है। बाद में भले ही आम मतदाता अपने आप को ढ़गा हुआ महसूस करता रहें।
राजनैतिक दल और राजनेता तो चुनाव जीतने के लिये यह सब करते हों लेकिन इन 64 सालों में जन भी अपने मताधिकार का प्रयोग किसी ना किसी प्रलोभन में आकर कर लेता है और बाद में हाथ मलते रह जाता हैै। देश और आने वाली सरकार हमें क्या देगी? इस पर तो सभी विचार करते है लेकिन क्या जन को आज यह नहीं सोचना चाहिये कि हम देश को क्या दे रहें हैं? प्रजातंत्र में हमें एक वोट देने का जो अधिकार मिला है उसका भी यदि हम प्रलोभन में दुरुपयोग करने लगें तो भला प्रजातंत्र कैसे मजबूत होगा और गणतंत्र कैसे सफल होगा?
देश के कमजोर वर्ग के लिये योजनायें बनाना और सुविधायें देकर उन्हें सबके साथ चलने का मौका देना आज समय की मांग है फिर चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का क्यों ना हो। लेकिन वोटों की खातिर धर्म और जाति के नाम पर प्रचार करना और देश को बांटने की कोशिश करना किसी भी रूप में सही नहीं कही जा सकती है।
सरकार के पास अपना कुछ नहीं होता जो कुछ होता है वह जन से वसूले जाने वाले टेक्स का पैसा ही होता है। यदि सरकार जन को प्रलोभन देने वाली मदों पर अधिक राशि खर्च करेगी तो फिर उससे बेहतर विकास और अच्छी अनिवार्य सेवाओं की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। सरकार का मुख्य कार्य देश के आधारभूत विकास का होता है। यदि सरकार से यह अपेक्षा रखना है तो जन को यह तय करना पड़ेगा कि वह किसी प्रलोभन में आकर अपना निर्णय नहीं लेगा तभी यह संभव है वरना राजनैतिक दल और राजनेता तो जीतने के लिये यही करते रहेंगें जो आज तक कर रहें है। इसीलिये आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम प्रलोभन में आकर निर्णय नहीं लेंगें और गणतंत्र को मजबूत बनायेंगें, यही गणतंत्र दिवस पर हमारी हार्दिक शुभकामनायें हैं।
आशुतोष वर्मा,
16 शास्त्री वार्ड,सिवनी म.प्र. 480551
मो 09425174640
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