सरकारी हॉस्पिटल की बात की जाए तो ये तमाम सरकारी विभाग एक ही शर्त पर ठीक हो सकते हैं जब सरकारी लोगों
के लिए भी सरकारी विभागों में ही अपने कार्य कराने की अनिवार्यता हो ।
यानि यदि मंत्री से लेकर सरकारी चपरासी तक के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें
तो सरकारी स्कूल बहुत आसानी से ठीक हो जायेंगे । क्योंकि सरकारी स्कूल में
जब सभी सरकारी लोग जायेंगे तो व्यवस्था बनानी ही पड़ेगी । आज सरकारी स्कूल
में जब गरीब के बच्चे पढ़ते हैं तो वहाँ इनकी सुनने वाला कोई नहीं होता
लेकिन जैसे कि दक्षिण में हुआ एक आई ए एस ने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल
में भर्ती करवा दिया तो स्कूल की पहले हालत खराब थी बाद में तीन माह में
स्कूल सुधर गया और बहुत बदलाव आये । मैं स्वयं भी एक सरकारी टीचर हूँ तब भी यह बात कह रहा हूँ । ऐसे ही सरकारी लोग अपने बच्चों का इलाज
सरकारी हॉस्पिटल में कराएं तब ठीक होंगे हॉस्पिटल । सरकार के बड़े बड़े
अधिकारी तक जब सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराएंगे तो व्यवस्था को दबाव में
ठीक होना ही होगा । यही एकमेव इलाज है सरकारी उपक्रमों के ठीक करने का ।
डॉ द्विजेन्द्र हरिपुर , देहरादून
डॉ द्विजेन्द्र हरिपुर , देहरादून
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