हिण्डालकों रेनू पावर डिवीजन, रेनूसागर, सोनभद्र के संविदा श्रमिकों के सत्यागह आंदोलन में कल भारी जीत हासिल हुई है। कल रात बारह बजे उपश्रमायुक्त सोनभद्र की मौजूदगी में प्रबंधन को पीछे हटकर संविदा श्रमिकों की यूनियन ठेका मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों से न सिर्फ वार्ता करनी पड़ी साथ ही उनकी सभी न्यायोचित मांगों को मानते हुए लिखित समझौता करना पड़ा। गौरतलब है कि इस पावर डीवीजन में 801.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है जहां बहुतायत की संख्या में मौजूद संविदा श्रमिकों ने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत प्रतिष्ठान केे पीएलएफ को हमेशा सौ प्रतिशत से ज्यादा रखा है। लेकिन इन संविदा श्रमिकों को स्थाई प्रकृति के कामों पर वर्षो एक ही स्थान पर नियोजित किया जाता है और स्थाई श्रमिकों की तुलना में बेहद कम मजदूरी पर काम कराया जाता है।
एक ही स्थान पर वर्षो काम करने के बावजूद इनको नियमित नहीं गया। स्थिति इतनी बुरी है कि इन श्रमिकों के तमाम विधिक अधिकार भी नहीं प्रदान किए जाते है। प्रतिष्ठान का प्रबंधन अब तक अपने द्वारा मान्यता प्राप्त श्रमिक संघों से ही समझौता व वार्ता करता रहा है। जबकि यह मान्यता प्राप्त श्रमिक संघ मुख्यतः स्थाई श्रमिकों व कर्मचारियों के संघ है जिनके कार्यक्षेत्र में संविदा श्रमिक नहीं आते और यह श्रमिक संघ संविदा श्रमिकों के वैधानिक अधिकारों को दिलाने में असमर्थ रहे है। इस स्थिति में वैधानिक अधिकार न मिलने के कारण
संविदा श्रमिकों में व्यापक आक्रोश है। विगत वर्ष यहां के संविदा श्रमिकों ने ठेका मजदूर यूनियन की सदस्यता ली थी। यूनियन लगातार श्रमिकों के विधिक अधिकारों को लोकतांत्रिक वार्ताओं द्वारा हल कराने के लिए प्रयासरत रही है। लेकिन प्रबंधन वार्ताओं द्वारा समस्याओं को हल करने की जगह उत्पीड़न की कार्यवाही करता रहा। प्रबंधन ने संविदा श्रमिकों के प्रतिनिधियों से वार्ता तक करने से मना कर दिया और यूनियन के नेताओं पर ही फर्जी मुकदमें कायम करा दिए।
अभी हाल ही में प्रबंधन ने आधुनिकीकरण और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए संविदा श्रमिकों के लिए बायोमैट्रिक कराकर कार्ड पंचिग की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया था। यूनियन का इस सवाल पर लगातार मत रहा कि इस व्यवस्था को करने के पूर्व प्रबंधन सभी संविदा श्रमिकों को ठेका मजदूर नियमावली के तहत फार्म 14 के प्रारूप में रोजगार कार्ड उपलब्ध कराए और उस पर सक्षम अधिकारी का हस्ताक्षर किया जाए। परन्तु प्रबंधन ने इसे मानने की जगह बिना हस्ताक्षर और संविदा श्रमिक के पदनाम के कार्ड जारी
करने का प्रयास किया। साथ ही इस प्रतिष्ठान में संविदा श्रमिकों को नए नियमों के तहत बोनस नहीं दिया। इन सवालों पर यूनियन ने लगातार अभियान चलाया। यूनियन का प्रतिनिधिमण्ड़ल यू0 पी0 वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिला। जिलाधिकारी ने उपश्रमायुक्त को शीध्र वार्ता कराकर समस्याओं को हल करने का निर्देश दिया।
इसके बाद यूनियन अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल, रेनूसागर के नेता रामनरेश यादव व कुलदीप पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्ड़ल ने उपश्रमायुक्त से मिलकर प्रबंधन की अवैधानिक कार्यवाहियों के कारण श्रमिकों में पैदा हो रहे आक्रोश के बारें में बताया और उनसे जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार वार्ता कराने का निवेदन किया। प्रतिनिधिमण्ड़ल की न्यायोचित मांगों पर उपश्रमायुक्त ने रेनुसागर प्रबंधन को कानून सम्मत काम करने के लिए निर्देशित किया। परन्तु प्रबंधन ने अपनी मनमानी जारी रखी और 21 दिसम्बर को ट्रांसपोर्ट विभाग के दो ड्राईवरों व डेवलम्पमेंट सेंटर के तीन संविदा श्रमिकों को कार्ड पंचिग व्यवस्था मानने के लिए दबाब डालना शुरू किया। इसका विरोध करने पर ड्राईवरों को काम से निकाल दिया और डेवलम्पमेंट सेंटर के संविदा श्रमिकों का तबादला ईट भट्ठा प्लांट में कर दिया।
प्रबंधन की इस कार्यवाही के विरूद्ध आक्रोशित संविदा श्रमिकों ने 22 दिसम्बर की सुबह से ही काम पर न जाने और प्रबंधन की गैरकानूनी कार्यवाहियों के खिलाफ कानून के राज के लिए सत्याग्रह आंदोलन प्रारम्भ कर दिया। इस आंदोलन में रेनूसागर पावर प्लांट के सभी संविदा श्रमिक कार्य से विरक्त रहे। आंदोलन के बाद भारी दबाब में आए प्रबंधन ने उपश्रमायुक्त की मौजूदगी में रात्रि बारह बजे यूनियन के प्रतिनिधियों राम नरेश यादव, कुलदीप पाल, मुन्ना कुमार, रसीद कमाल अंसारी व गोरखनाथ के साथ वार्ता कर तत्काल कार्ड पंचिग की व्यवस्था वापस लेने और किसी भी संविदा श्रमिकों को काम से न हटाने, किसी का भी उत्पीड़न न करने का लिखित समझौता किया साथ ही बोनस की शेष धनराशि श्रमिकों के खाते में जमा करने, सभी संविदा श्रमिकों को ग्रेच्यूटी का लाभ व जनवरी तक सवैतनिक अवकाश का धन देने का आश्वासन दिया। वार्ता में यह भी तय हुआ कि संविदा श्रमिकों की अन्य मांगों पर उपश्रमायुक्त की मौजूदगी में वार्ता करायी जायेगी।
राम नरेश यादव
जिला कार्यकारणी सदस्य
ठेका मजदूर यूनियन
24.12.16
बिरला के पावर प्लांट के संविदा मजदूरों को मिली जीत
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