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28.6.23

पब्लिक ऐप में रिपोर्टरो का जमकर शोषण

 पब्लिक ऐप में रिपोर्टरो का जमकर शोषण किया जा रहा है और धमका कर काम कराया जा रहा है और इतना ही नही जुर्माना भी रोज लगाया जाता है जिसमे रिपोर्टर के काम की धनराशि से 50 से लेकर 200 रुपये तक काट लिए जाते है। इसके लिए बाकायदा धमकी भरा मैसेज भी ग्रुप में दिया जाता है । पब्लिक ऐप में काम करने वाले रिपोर्टरों को बेइज्जत भी किया जाता है और उत्तर प्रदेश भर में काम करने वाले पत्रकारों पर जुर्माना लगाने के बाद उनकी सूची भी ग्रुप में सार्वजनिक की जाती है कि कितना किस पर देर से खबर लगाने का जुर्माना लगाया गया, कितना खबर न लगाने पर लगाया गया ,कितना दूसरे तहसील की खबर पर लगाया गया है और जब चेतावनी दी जाती है तो भी स्पष्ट धमकी दी जाती है कि कारण स्पष्ट करो नही तो आई डी बन्द कर दी जाएगी या तो आप पर जुर्माना लगा दिया जाएगा।

मतलब पब्लिक ऐप पत्रकारों के शोषण का एक भी मौका नही छोड़ा जाता है । पुब्लिक ऐप के इन्ही तुगलिया फरमानों के चलते तमाम पत्रकार काम छोड़ दे रहै है। इसके अलावा विज्ञापन का भी बहुत दबाव बनाया जाता है जिसमे अगर किसी रिपोटर को 3 खबरों का टारगेट है तो महीने में 9हजार का विज्ञापन करना होगा कोई 5 कर रहा है तो उसे 15 हजार महीने का विज्ञापन देना होगा। किसी की पुण्यतिथि है तो विज्ञापन मांगों किसी की जन्मतिथि है तो विज्ञापन मांगो। मतलब कोई भी दिवस है आप विज्ञापन करो अगर आप विज्ञापन नही करते है तो आपकी आई डी बन्द करने की धमकी दी जाएगी या तो आईडी बन्द कर दी जाएगी। ऐप विज्ञापन में टैक्स की भी चोरी करता है। आप उनको ऑनलाइन पेमेंट तो कर सकते है पर आपको  टीडीएस नही मिलेगा । इस तरह से सरकार के टैक्स की चोरी बड़े पैमाने पर की जाती है। पब्लिक ऐप में काम करने वाले सभी पत्रकारों के पैसे काटने की कार्यवाही ही दिनभर की जाती है। जिसमें पहले ग्रुप में मैसेज डालकर आपको चेतावनी दी जाती है और फिर उसके बाद बाकायदा आप पर जुर्माना का दंड लगाकर प्रदेश के सभी ग्रुपो में मैसेज डाला जाता है जिससे लोगो को पता चले कि किस पर कितना जुर्माना लगाया गया है।  मतलब पब्लिक ऐप के जरिये पत्रकारों का शोषण ,दोहन और प्रताड़ना के लिए कोई भी अवसर नही छोड़ा जाता है । हालांकि इसके पहले यहां लोगो से कोई एग्रीमेंट नही साइन कराया जाता है जिसके चलते इस तरह की मनमानी की जाती है और शोषण का शिकार होने वाले लोग कोई इनके विरुद्ध को कदम नही उठा सकते है. 

omkar.ckt@gmail.com


3 comments:

Anonymous said...

इस पब्लिक एप के मालिक अज़हर के खिलाफ मामला दर्ज करवाओ ये आधार की कॉपी अंगते बाद में डेटा को विदेश में बेचता है और यही नही पब्लिक एप बिना लाइसेंस के न्यूज़ चला रहा और सब्सव ज़्यादा पुलिस कंप्लेंट करे चंद्र प्रकाश, अमित दत्त और शिवानी जैसावल के खिलाफ 5 हजार रुपए महीना रिपोर्टर से मांगती है दो या बिना बजह आईडी बैंड मार दबते जैसे मेरी की बिना बजह

s34500352@gmail.com said...

पब्लिक संस्थान के अधिकारी व उसके मालिक खुलेआम उगाई का खेल खेल रहे हैं संस्थान पत्रकारिता से परे है पत्रकारिता के नाम पर लोगों का शोषण किया जाता है खुलेआम पत्रकारों को उगाई के तरीके बताए जाते हैं संस्थान में ईमानदारी से काम करने वाले पत्रकारों के साथ शोषण किया जाता है

Anonymous said...

बंधुआ मजदूर समझते हैं पब्लिस एप्प चलाने वाले ख़बर देने वालो को,सबसे पहले खवर दो 20 रुपया पेमेंट।
कहते हैं न कि थोड़ी सी इज्जत क्या दे दी मथे चढ़ बैठे.