बिहार पुलिस एक कालजयी उपन्यास कुछ किताबों की कहानी लिखी नहीं जाती, अपितु उसे जीया जाता है। कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ मुझे श्री तत्सम्यक मनु रचित उपन्यास 'बिहार पुलिस' को पढ़कर। उपन्यास में रहस्य है, रोमांच है, छात्र जीवन है, तो वहीं बिहार पुलिस, झारखंड पुलिस सहित होमगार्ड्स की ज़िन्दगानी भी हैं। उपन्यास को सटीकता प्रदान करने के लिए लेखक ने कई न्यूज़पेपर कटिंग्स का भी इस्तेमाल किया है। इसके अलावा उपन्यास में लेखक ने भाँति-भाँति के मुद्दे उठाए हैं, जिसे पढ़कर यही लगता है कि उपन्यास लेखन में काफी शोध हुआ है और यही शोधपरक जानकारी उपन्यास को 'कालजयी' बनाता है। लेखक को 'कालजयी' रचना के लिए हार्दिक बधाई और प्रणाम। समीक्षक : अपर्णा कुमारी यादव, झारखंड।
1.1.24
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