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11.4.08

मै देखती हूँ सपने


मै देखती हूँ सपने

कुछ खुली आंखो से

कुछ बंद आंखो के सपने

कुछ ख़ूबसूरत तो

कुछ बदसूरत सपने

मै देखती हूँ सपने

कुछ प्यारे , कुछ सबसे न्यारे

कुछ सुख देने वाले

कुछ दुःख देने वाले सपने

मै देखती हूँ सपने

कुछ सफ़ेद , कुछ काले सपने

कुछ अपनों के , कुछ परायो के सपने

कुछ इश दुनिया , कुछ उष दुनिया के सपने

मै देखती हूँ सपने

जानती नही की पूरे होंगे

ये कभी हमारे होंगे

कभी हंसाते कभी रुलाते

फिर भी मै देखती हूँ सपने

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

कमला बहन,सपने तो मुझे भी आते हैं लेकिन कभी ईस्ट्मैन कलर में और कभी टैक्नीकलर में और कभी कभी तो जो सपने आते हैं उन्हें बताया तो सब पकड़ कर पीटेंगें कि साले भारत के सुनहरे भविष्य के सपने देखने वाला तू कौन होता है ये तो नेताओं का काम है......

Unknown said...

kmla jee lgi rho jeet logi...spne dekhti rho....
pash ne kaha hai--sbse khtrnak hota hai spno ka mr jana..