Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

9.4.08

उफ़ हिन्दी में लिखना वाकई आसान नही है लेकिन इतना मुश्किल भी नही

भड़ास के सभी सहयोगियों को पुरी विनम्रता के साथ गुड इवेनिंग....क्या करें आदत है दूर नही हो रही....यशवंत भैया अगर ये ब्लॉग भड़ास पे आ गया तो हिन्दी ब्लोग्गिंग को एक और पहरुआ मिल जाएगा...और हाँ ये आपकी मदद के बिना मुमकिन कतई नही था...... यही तो हैं यशवंत भैया.....ये अभी त्राइल पर है....

4 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

हृदय भाई,आपका ट्रायल तो सफल रहा है अब लग जाइये धार पर और दिका दीजिये अंग्रेजी में भौंकने वाले कुत्तों को(और कुतियों को भी)कि हम हिन्दी में लिखने वाले भी दिल और दिमाग दोनो बराबर सही अनुपात में रखते हैं....
कोई समस्या हो तो संपर्क करियेगा।
जय जय भड़ास

Anonymous said...

hridayendra daa aap to kah rahe the ki mujhe hindi sikhaao ...ha...haa...haa,lekin bahut sundar likhe hain ji aaap. aapkaa swagat hi nahi balki aaapse''bhadas'' ko dher sari apeksha hai.

Anonymous said...

हृदय भाई लगे रहना, छोड़ना नही।
हमारी शुभकामनाऍ।

Unknown said...

swagtm...