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3.10.10


उत्तराखंड में आयी आपदा पर दिए अपने ही बयान से घिर गई उत्तराखंड कांग्रेस
केंद्र ने दिए संभलकर बयान देने के निर्देश
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल 'निशंक' इन दिनों पूरे उत्तराखंड में गांव-गांव जाकर उत्तराखंड में आयी बाढ़ से प्रभावित लोगों से भी बातचीत कर रहे है,और उनकी समस्याओं को सुन उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे है। निश्चित तौर पर इस बार उत्तराखंड में कुदरत का खौफ लोगों के जेहन में समा गया है। बादल,बारिश,बाढ़ और भूस्खलन हर रूप में प्रकृति ने हाहाकार मचाया है। इस खौफ में किसी ने अपना पूरा परिवार खो दिया,किसी ने मां-पिता और किसी ने छोटे-छोटे बच्चे,पहाड़ पर कोई ऐसा नहीं बचा जिसने इस कहर का जुल्म नहीं सहा हो। जन-जीव-जन्तु हर कोई इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ।
ऐसे समय में जब प्रदेश को एक भंयकर कालखंड खुद की आगोश में ले चुका हो। और प्रदेश का मुखिया घर-घर जाकर प्रभावित लोगों की मदद कर उन्हें इस भंयकर सदमें से बाहर निकालने में लगा हो,उन्हें हर स्तर पर मदद करने के लिए अपने स्तर से हर प्रयास कर रहा हो। ऐसे में जब आपदा के नाम पर राज्य सरकार को पांच सौ करोड़ रूपये आपदा राहत के रूप में देने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस,इस आपदा के शिकार हुए लोगों के दुःख पर राजनैतिक रोटियां सेकने में लग जाएं तो निश्चित तौर पर इन पार्टियों के लिए इससे बड़े शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती है।
उत्तराखंड कांग्रेस और केंद्र द्वारा उत्तराखंड में बाढ़ की स्थिति का जायज लेने गए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने केंद्र से उत्तराखंड को दिए गए।
आपदा पैकज पर पिछले दिनों जिस तरह से बयाना बाजी की गयी उससे उत्तराखंड के जन-मानस ख़ास तौर पर इस आपदा से प्रभावित लोगों में
इस बात को लेकर रोश हैं कि जब पूरा प्रदेश आज बाढ़ की आगोस में फंसा हैं,और प्रदेश के मुख्य मुख्यमंत्री अपने पूरे प्रशासनिक अमले के साथ
दिन-रात एक कर गांव-गांव जकार बाढ़ पीड़ितो को हर संभव मदद करने को तत् पर हो। निश्चित तौर पर ऐसे मौके पर कांग्रेस के इस बयान को
राजनैतिक रोटियां सेकने वाला बयान कहा जा रहा है। हम आपको बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं ने देहरादून-हरिद्वार में केंद्र से
दिए गए,पांच सौ करोड़ रूपये पैकेज के बारे में बयान दिए थे कि केंद्र सरकरा ही उत्तराखंड कांग्रेस ने ही केंद्र से यह आपदा पैकज देने का दबाव
बनाया था। तब जाकर उत्तराखंड को पैकेज मिला।
इस बयान के बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की थी कि यह समय राजनिति करने का नहीं बल्कि प्रदेश की जनता को इस आपदा
से बाहर निकालने का वक्त है। इस समय हम सब को मिलकर काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस बयान का उत्तराखंड की जनता ने स्वागत
किया था। साथ ही जनता ने यह भी स्वीकार किया है कि प्रदेश सरकार द्वार उन्हें इस आपदा की घड़ी में हर संभव मदद पहूंचायी जा रही है।
उन्हें जरूरत की हर सामग्री समय से मिल रही है। इसे दिखते हुए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री निशंक की कर्मठता और उनके गांव-गांव
जाकर प्रभावित लोगों को राहत राशि बाटने साथ ही,अपने अधिकारी को प्रभावितों की मदद करने के निर्देश देने जैसे कामों से केंद्र को अवगत करया
साथ ही यह भी जानकारी केंद्र को दी कि इस विपदा के समय में केंद्र और राज्य के कुछ कांग्रेसी नेता बयान बाजी कर रहे है। इससे प्रदेश की
जनता में रोषव्यापत है। जिसके चलते केंद्र ने उत्तराखंड कांग्रेस और केंद्र के नेताओं को सख्त निर्देश जारी कर दिए है कि वह कई भी किसी भी
तरह की बयान बाजी से बचे,नहीं तो इसका परिणाण भुगतने के लिए तैयार रहे। इस बारे में जब हमने दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता से बात करने चाही तो,उनका
कहना था कि निश्चित तौर पर यह सयम राजनिति करने का नहीं है। हमने अपने राज्य स्तर कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर दिए है। हमें लगता हैं,यह पार्टी के हित में होगा।
- जगमोहन 'आज़ाद'

2 comments:

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

शायद इसी को राजनीति कहते हैं। उम्मीद है कि राहुल गांधी कांग्रेस के नेताओं को इंसानियत का पाठ जरूर पढ़ाएंगे.
मुझे इस आपदा के बारे मे जानकारी नहीं थी क्योंकि मीडिया वाले अभी कामनवेल्थ और कलमाड़ी जी के पीछे पड़ी हुई है।