स्वामी रामदेव ने अपने मंच पर एक बंदर के आने को दैवीय चमत्कार बताया,भीड़ ने नारे लगाये। हुआ यूं कि रूड़की में बाबा रामदेव मंचासीन थे कि इसी बीच एक बंदर वहां आ गया। सामान्य बंदर 20 मिनट बंदरों जैसी ही हरकतें करके चला गया,लेकिन बाबा ने कहा यह हनुमान जी की कृपा थी। लोगों ने जय हनुमान का जयघोष शुरू कर दिया। योग तो ठीक है बाबा अंधविश्वास की शिक्षा तो मत दो। अंधविश्वास के नाम पर जनता आज तक लुटती आयी है। अंधविश्वास की जड़े यहां पहले से ही बहुत गहरी हैं। बाबा के प्रति लाखों लोगों की आस्था है,उनके योग का लोहा माना जाता,लेकिन क्या उन जैसी शख्सियत को अंधविश्वास फैलाना शोभा देता है?
28.10.10
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5 comments:
अन्धविश्वास आस्था को दृढ़ जो करती है
nitin ji aisa kya keh diya bab ji ne, hum sabhi log bhi yahi mante hain ke , bandar hanuman ji ka hi rop he, to isme kaun si andhvishvash ki bat bawa ji ne keh di, ye jo bhi prakran hua kafi rochak tha, tv par dekha, normally bandar is tarha se nhi aate hain, i think isko issue na banaya jaye, unhone koi andhvisvahs nhi failaya
बेवकूफों को सभी बेक़कूफ़ बनाते हैं. कोई नयी बात तो नहीं की बाबा रामदेव ने.
nitin ji aapne sahi kaha.baba aaj jis mukam par hain us par unhe logon ko har bat ke peechhe ki sachchai se ru-b-ru karana chahiye.is tarah ki baton ko deviya chamatkar batakar to pahle hi bahut se dhongi sadhu bholi bhali janta ka ulloo bana chuke hain.baba ramdev aadarsh hain aur unhe adarsh hi sthapit karne .chahiye.
अन्धविश्वास
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