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30.10.10

धुएं में उड़ रहा कानून

अखिलेश उपाध्याय / कटनी
उच्चतम न्यायालय ने सार्वजानिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालो पर भले ही पाबन्दी लगा दी पर हकीकत कुछ और बया कर रही है. शहर का शायद ही ऐसा कोई सार्वजानिक स्थान हो जहा धूम्रपान न किया जाता हो. हाईकोर्ट का आदेश बेअसर होने का कारण धूम्रपान करने वालो के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना है, पुलिस रिकार्ड के अनुसार अभी तक सिगरेट व बीडी पीने वाले लोगो के खिलाफ गिने-चुने ही मामले दर्ज किये गए है.

उल्लेखनीय है की जब सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजानिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालो को रोकने के लिए सख्त नियम बनाकर जुर्माने की चेतावनी दी तब से शायद किसी भी शासन प्रशासन के अधिकारी ने धूम्रपान करने वालो पर कोई कार्रवाई नहीं की है हालत यह है की सार्वजनिक स्थानों तथा थाना परिशर में पुलिस कर्मियों व लोगो को खुलेआम धुँआ उड़ाते देखा जा सकता है. नए कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते पाए जाने पर दो सौ रूपये जुर्माने का प्रावधान है लेकिन कही भी इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है.


होटलों पर नहीं स्मोकिंग जोन
शहर में कई होटल व रेस्टारेंट है लेकिन किसी में भी धूम्रपान करने वालो के लिए अलग से स्मोकिंग जोन नहीं है. कई होटल ऐसे है जहा पर आला अफसरों को खुलेआम सिगरेट का सेवन करते देखा जा सकता है. प्रशासन द्वारा कभी भी होटलो पर स्मोकिंग जोन होने या न होने की जाँच नहीं की गई. होटलों, ढाबो एवं बारो आदि पर पुलिसकर्मी और होटल संचालको की साथ गाथ के चलते न्यायलय के आदेश की धज्जिया खुलेआम उडाई जा रही है.


प्रतिबंधित क्षेत्र
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जिन सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित किया था उनमे अस्पताल, स्वास्थ्य संस्थान, मनोरंजन पार्क, रेस्टारेंट, न्यायलय भवन, सार्वजनिक कार्यालय, पुस्तकालय, स्टेडियम, शिक्षण संस्थान, रेलवे स्टेसन, बस स्टेंड, शापिंग माल, सिनेमा हाल, नाश्ता कक्ष, काफी हाउस, पब्स बार, एअरपोर्ट लाउंज शामिल है.


बोर्डो पर नहीं अधिकारियो के नाम
नियम के मुताबिक रेलवे स्टेसन , बस स्टेंड तथा शहर के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को रोकने के लिए धूम्रपान निषेध का बोर्ड तो टांग दिया लेकिन उस पर कार्रवाई के लिए नियुक्त अधिकारी का नाम नहीं है. जबकि आदेशो में साफ़ तौर यह निर्देश दिए थे की सार्वजानिक स्थानों के मालिक, प्रबंधक, सुपरवाइजर या प्रभारी, एक बोर्ड पर उस अधिकारी का नाम अधिसूचित एवं प्रदर्शित करेगे, जिसके पास धूम्रपान प्रतिबंधित क़ानून के उल्लंघन की सूचना दर्ज कराई जा सके.


दोनों पर जुर्माना का प्रावधान
सार्वजानिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित आदेश को प्रभावी करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक सूचना जारी कर सूचित किया था की यदि सार्वजनिक स्थान के मालिक, प्रबंधक, सुपरवाइजर और अधिकृत अधिकारी नियम के अल्लघन सम्बन्धी शिकायत के निपटारे में लापरवाही के दोषी पाए जाने पर धूम्रपान करने वाले के साथ उन पर भी दो सौ रूपये का जुर्माना किया जाएगा लेकिन अन्य आदेशो के माफिक यह आदेश भी फ़ाइल में ही बंद है.

2 comments:

narayan pargain said...

bilkul sahi likh hai aklesh ji yu hi aap agag kartay rahay to kuch hogaa good

Anonymous said...

sachai ki baat kehne ka saahas banaye rakhiye. Sachai jaanne ke liye Uttarakhand ke log aap per nirbhar hai. Kripya unka vishwas banaye rakhiye.
Satya deepak