आये दिन अखबारों में हम बिजली से संबंधित समाचार पढ़ रहे हैं .
जबलपुर में कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ ने बिजली बिलों की होली जलाकर विरोध प्रकट किया .
जबलपुर के ही एक स्वयंभू उपभोक्ता मंच जिसे एक व्यक्ति विशेष संस्था के रूप में चला रहे हैं , हर बार नियामक आयोग के द्वारा बिजली की दरें बढ़ाये जाने पर , नियम पूर्वक तर्क कुतर्क से उसका विरोध ही करते हैं .
दमोह में , छिंदवाडा में , गाडासरई में , सतना में , जबलपुर में , पन्ना में , ग्वालियर में ,.................... देश के लगभग प्रत्येक छेत्र में अलग अलग घटनाओं में जिनमें से अनेक पुलिस में दर्ज तक नहीं हो रहीं हैं , जमीनी विद्युत कर्मियों लाइनमैन ,कनिष्ठ यंत्री , विजिलेंस टीम आदि को बहुतायत में लोगों के आक्रोश का सामना लगातार करना पड रहा है . बिजली की कमी ...., स्टाफ की कमी ....., ज्यादा बिल होना ...., संसाधनों की कमी ... आदि इस आक्रोश के प्रमुख कारण हैं .
ये घटनायें इस तथ्य को उजागर करती हैं कि सिस्टम में कहीं न कहीं कोई कमी है जरूर ............ .
आइये साथ दीजिये हम सब मिलकर सिस्टम सुधारें , न कि व्यर्थ परस्पर दोषारोपण , मैनहैण्डलिग , आंदोलन करके ॠणात्मक कार्य करें . बिजली चोरी के विरुद्ध आपका सहयोग , सुझाव सादर आमंत्रित हैं
बिजली चोरी समूचे विकास तंत्र को खोखला कर रही है .
बिजली चोरी के प्रकरणों में लोक अदालतें बडी भूमिका निभा सकती हैं .
बिजली चोरी रोकने में महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है , क्योंकि आचरण , चरित्र , व चोरी की बिजली के उपयोग के विरुद्ध धार्मिकता जन जागरण का विषय है .
समुदाय विशेष के लोग प्रायः एक ही बस्ती में रहते हैं , वे महिलाओं के पर्दे की आड लेकर उडनदस्ता टीमो को चैकिंग ही नही करने देते ,व व्यापक बिजली चोरी करते हैं . हैदराबाद में यह सिद्ध हो चुका है . अतः ऐसे प्रकरणों में अप्रिय कटुता से बचने के लिये व्यापक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है .
सावधान !बिजली चोरी की कानूनी सामान्य सजा ,अनुमानित खपत का दुगना बिल है . साथ ही अपराधिक जबाबदेही के तहत कम्पाउंडिंग शुल्क व जेल की सजा का प्रावधान भी है .
बिजली के मीटर तकनीकी कारणों से फोन के मीटर की तरह एक ही स्थल पर नहीं लगाये जा सकते , वे उपभोक्ता के परिसर में लगाये जाते हैं , समय के साथ उपभोक्ता भवन में अतिरिक्त निर्माण कर डालता है , जिससे बिजली के मीटर घरों के भीतर बिजली कर्मचारियों की सहज पहुँच से बाहर हो जाते हैं . यह गलत है . इसके विरुद्ध कानून बनाये जाने की जरूरत है .
सामान्य रूप से मीटर की टर्मिनल सील उपभोक्ता तोड लेते हैं , इस पर कानूनी व्यवस्था जरूरी है .
बिजली के मीटर घर के एकदम बाहर हों , उनमें इनकमिंग तार बोर्ड के बाहर से मीटर में आयें . सर्विस लाइन बिना जोड की हो यह उपभोक्ता की जबाबदारी होनी चाहिये .
बिजली चोरी रोकने के लिये पुलिस का हस्तछेप जरूरी है , क्योंकि चोर पुलिस से डरता है न कि इंजीनियर्स से.
बिजली बिल से बचने के लिये बिजली चोरी करने की अपेछा इनर्जी आडिट करें . प्रकाश हेतु सी.एफ.एल. , आई. एस .आई. उपकरणों के उपयोग से बिना बिल बढ़ाये , बिना सुविधायें घटाये आप बेहतर प्रबंधन से मितव्ययी तरीके से बिजली का उपयोग कर सकते हैं .
अनेक सुसंपन्न लोगों के नाम भी आंशिक बिजली चोरी के प्रकरणों में दर्ज हैं जो इस बात का द्योतक है कि बिजली चोरी के विरुद्ध व्यापक कार्य किये जाने की आवश्यकता है .
.vivek ranjan shrivastava
09425484452
18.6.08
वोट की राजनीति के लिये एक घोषणा से .किसानो के bijli.....बिल माफ ...प्रकरण वापस .........
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