हास्य-गज़ल
तुक भिड़ाएंगे क्या आप कल के लिए
गीत गाएंगे क्या आप कल के लिए
नाश्ते में कनस्टर को खाली किया
भर के लाएंगे क्या आप कल के लिए
आज रेंके तो कर्फ्यू शहर में लगा
गुल खिलाएंगे क्या आप कल के लिए
आखिरी थी अठन्नी उड़ी इश्क में
अब बचाएंगे क्या आप कल के लिए
दिल में जो कुछ भी था हिनहिनाया अभी
बिलबिलाएंगे क्या आप कल के लिए
जितना मक्खन था सब मल दिया बॉस को
दुम हिलाएंगे क्या आप कल के लिए
पूरा वेतन महाजन के हत्थे चढ़ा
अब पकाएंगे क्या आप कल के लिए
इक पजामा था नीरवजी चोरी हुआ
अब सिलाएंगे क्या आप कल के लिए?
पं. सुरेश नीरव
मो.९८१०२४३९६६
28.6.08
आप कल के लिए?
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1 comment:
प्रणाम ! क्या सही और समयानुकूल ग़ज़ल मारी है आपने | कल तो शेयर बाजार में पजामे के
साथ साथ, भाई लोगों ने कमीज भी उतरवा ली ! आप ज्योतिषी भी हैं क्या ?
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