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15.8.08

श्री सुरेश कुमार जैन का दोष

श्री सुरेश कुमार जैन, आई ० जी ० का क्या दोष था कि उनका नाम राष्ट्रपति के पदक से सम्मानित किए जाने वाले अधिकारियों की सूची से निकाल दिया गया। क्या आज तक पूरे देश में गोली चलाने का आदेश देने वाले किसी भी अधिकारी को सम्मानित नहीं किया गया, क्या तमाम के तमाम ऐसे अधिकारियों को तुंरत ही स्थानांतरित कर दिया गया? क्या इसलिए उन्हें वापस दिल्ली बुला लिया गया कि एक पुलिस अधिकारी होने के नाते उपद्रवियों पर गोली चलाने के आदेश दे दिए, यदि ऐसा ही है तो बाकी जम्मू और पूरे देश के अधिकारियों के साथ ऐसा सुलूक क्यों नहीं किया जाता। इससे यह स्पष्ट होता है कि छुद्र स्वार्थों की पूर्ति हेतु राजनीति से जुड़े हुए लोग कैसा भी निर्णय ले सकते हैं, चाहे फिर उनके निर्णयों में घोर साम्प्रदायिकता ही क्यों न व्याप्त हो ? इस प्रकार के निर्णय आगे चलकर अधिकारियों को कम से कम एक विशेष संप्रदाय से सम्बंधित अपराधियों के प्रति भी कार्यवाई करने को लेकर मात्र हतोत्साहित ही करेंगे और इससे जो संदेश जायेगा वह समाज को किस तरफ ले जायेगा, लोगों की मानसिकता में क्या अन्तर आएगा, इसका जबाव भी आने वाले वर्षों में स्वत: मिल जायेगा। विशेष संप्रदाय को खुश करने की कोशिशों की ही अगली और ugly कड़ी है यह निर्णय।

1 comment:

Anonymous said...

Bilkul Thik kaha.
Apne Desh me rajniti se badhkar kuchh nahi. Sabhi apna matlab saadhne me lage hain. Aur Imaandaar aadmi ki to khair nahi.