यह बात बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार नहीं कह रहे मधेपुरा-मुरलीगंज के लोग आकाश की तरफ उड़ते वायुयान को देख कर चिल्ला रहें है। 2 लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार की तरफ से कोई राहत कार्य अभी तक नही पहुँच पा रही है। हर तरफ त्राही-त्राही का आलम है। बच्चे दूध के लिये तरस रहें हैं सभी व्यापारियों ने अपने दूकान का समान राहत सेवा के लिये खोल दी है। 300 वर्ष के इतिहास में यह घटना पहली बार घट रही है। मधेपुरा शहर के अन्दर अभी समाचार लिखने तक 2 से 3 फीट पानी आ चुका है, मुरलीगंज में तो 4-5 फीट पानी आ गया है। गाँव के गाँव डूब चुके हैं। नाव वाले लुटेरे चारों तरफ गिद्ध की तरह मंडरा रहें हैं। इंसान इनसे सुरक्षा की गुहार लगाते हैं पर ये उनके खाली घरों को लुटने की बात करते हैं या मूँह-मांगी रकम की माँग कर रहें हैं। मोबाइल फोन नो. 094312-87924 से मधेपुरा के श्री राम भगत अग्रवाल व श्री रामअवतार केजड़ीवाल ने इस लेख के लेखक को बताया कि "मधेपुर-मुरलीगंज" बिहार के नक्से से विलुप्त हो जायेगा। कोसी नदी इस पूरे इलाके को लील चुकी है। अब बचाने की बात छोड़ कर बचने की बात करनी पड़ रही है। मधेपुरा के 26 वार्ड पानी में डूब चुकें हैं। अब तक अरबों रुपये के क्षत्ति का अनुमान लगाया जा रहा है, पशुधन, के साथ-साथ लाखों परिवार इस चपेट में आ चुके हैं। सहरसा एक मात्र मार्ग यातायात हेतु उपलब्ध है, इसमें भी कई जगह नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। मधेपुरा का उत्तर-दक्षिण-पश्विमी हिस्सा पूरी तह जलमग्न हो चुका है। सरकारी व्यवस्था के नाम पर सिर्फ सरकारी खजाना खाली किया जा रहा है। -शम्भु चौधरी
बिहार राहत कार्य हेतु यदि कोई सहयोग राशि भेजना चाहते हों तो वे हमसे संपर्क कर सकतें हैं।
Shambhu Choudhary,
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Kolkata- 700106
मो.-09831082737
E-mail to Help: Bihar Flood
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1 comment:
प्रकाश जी,
शम्भू बाबु की तरह मदद के लिए हजारो हाथ तैयार है और आगे भी आ रहा है, मदद भी की जा रही है, रही बात सरकारी खजाने के दुरूपयोग और उसके खाली करने की तो इस खजाने में कोडी डालने से बचने वाले तमाम वोह लोग हैं जो चोरी की तमाम हद पार कर लेते हैं जब खजाने में टैक्स देने की बात आती है, बहरहाल बाढ़ के नाम पर मारवारी,पंडित,नाई,या यादव समाज ना होकर एकजुटता दिखाते हुए हाथ बढ़ाना होगा,
राजनीती करने वालों से दूर ही रहें, ये लाला जी के चाक चौबंद से ज्यादा नही हैं.
जय जय भड़ास
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