-शांतनु श्रीवास्तव-
"जी हाँ आज की सबसे बड़ी खबर एक्स वाय जेड न्यूज़ के खुलासे के बाद देवलोक में मचा हड़कंप। आनन-फानन में देवराज इन्द्र ने मीटिंग बुलाई है । इस मीटिंग में बादल को बर्खास्त करने की एक्सक्लूसिव जानकारी भी सिर्फ हमारे चैनल पर ही है." चीखते-चीखते एंकर ने कहा सबसे पहले उसी के चैनल ने दिखाया था कि देवलोक की कार्यप्रणाली में खोट है. किस तरह से बादल जैसे छोटे देवता भी इन्द्र की अनदेखी कर देते हैं. उसने दर्शकों से रात आठ बजे प्राइम टाइम स्पेशल ' स्वर्गलोक में मचा हड़कंप' देखने का आदेशनुमा आग्रह किया।
इस सनसनीखेज चैनल को देख रहे अधिकांश दर्शक मन ही मन सोच रहे थे कितना जबरदस्त चैनल है यह. इसकी खबर से तो देवलोक में भी हड़कंप मच जाता. और इसके पास स्वर्ग लोक की बैठक में क्या होने वाला है इसकी भी खबर पहले से ही है. यह सोचते-सो़चते दर्शक रात होने का इन्तजार करने लगे. देवलोक में फ़ैली अफरा-तफरी की खबर से विज्ञापन जगत की गतिविधियाँ तेज हो गयी. बड़े-बड़े ब्रांड अपने विज्ञापन दिखने के लिए एक्स वाय जेड न्यूज़ के फोन घुमाने लगे और प्राइम टाइम स्पेशल के लिए अपनी-अपनी बुकिंग करनी शुरू दी।
दूसरी और देवलोक में नृत्य और सोमरस का दौर चल रहा था। अप्सराएँ मधुर संगीत पर थिरक रही थी। नृत्य समाप्त होने पर सभी देवता एक स्वर से वाह-वाह कर ही रहे थे की नारायण-नारायण की ध्वनि से स्वर्ग लोक गूँज उठा।इस नारायण-नारायण जाप से देवेन्द्र सिहर उठे। यह देवर्षि नारद की आवाज थी. अक्सर नारद किसी दैत्य के हमले की ही सूचना लाते थे. इसलिए देवता आपस में खुसर-फुसर करने लगे।
देवर्षि का अभिवादन कर इन्द्र ने उनके आगमन का उद्देश्य पूछा। वैदिक पत्रकार नारद ने बोला " हे देवेन्द्र मुझे सूचना मिली है की बादल को बर्खास्त करने के लिए आप एक बैठक आयोजित करने जा रहे हैं. क्या आपने इसकी सूचना मुझे देना जरूरी नहीं समझा. और सबसे बड़ी बात देवेन्द्र! मेरे रहते हुए. यह बात मृत्युलोक के पत्रकारों तक कैसे पहुँच गयी." यह कहते-कहते नारद की आवाज तल्ख़ हो गयी. नारद के प्रश्नों से हतप्रभ देवेन्द्र ने कहा "यह आप क्या कह रहे हैं देवर्षि! मैंने तो ऐसी कोई मीटिंग नहीं बुलाई है. बादल तो मेरा परम सहयोगी है. मै भला उसे नौकरी से क्यों निकालूँगा. और आपको ऐसी सूचना किसने दे दी।"
नारद ने चकित होते हुए कहा" देवेन्द्र मेरे पास यह सूचना सीधे मृत्युलोक से आयी है। वहां के एक खबरियां चैनल ने इसकी एक्सक्लूसिव जानकारी होने का दावा किया है." फिर थोडी देर सोच कर नारद ने कहा आप उचित ही कह रहें हैं देवराज. भला मेरे सिवाय स्वर्ग लोक की कवरेज करने की योग्यता और साहस किसमे हैं! मैंने आजतक किसी अन्य रिपोर्टर को यहाँ नहीं देखा. लेकिन यह अफवाह पृथ्वी पर फैली कैसे? इससे तो पृथ्वी पर देवलोक की छवि खराब हो रही है? रिपोर्टरों ने स्वर्ग की एक्सक्लूसिव खबर की अफवाह फैला कर स्वयं को देवताओ की श्रेणी में रखने का प्रयत्न किया है? यदि ऐसा ही चलता रहा देवेन्द्र! तो वो दिन दूर नहीं जब मनुष्य देवताओ के बदले इन रिपोर्टरों की पूजा करने लगेगा।"
नारद के प्रवचनों से सभी देवता व्यथित हो उठे। मंथन का दौर शुरू हो चला. देवतागण अपने-अपने सुझाव देने लगे. देवताओ में इन्द्र की निगाहों में अपने नंबर बढ़ाने के लिए होड़ मच गयी. कोई कहता देवेन्द्र को एक्स वाय जेड चैनल के हेड क्वार्टर पर वज्रास्त्र चला देना चाहिए तो कोई कहता इसके प्रोडयूसर्स और चैनल हेड को स्वर्ग के कारागाह में भेज देना चाहिए. इस चिल्पोह के बीच सहसा देवगुरु बृहस्पति खड़े हुए. उन्होंने देवन्द्र से कहा की पृथ्वी लोक में जब किसी नेता-अभिनेता पर ऐसे आरोप लगते हैं तो वह प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इसका खंडन करता है. अतएव बादल को भी एक प्रेस कांफ्रेंस बुलानी चाहिए." देवगुरु के प्रस्ताव देते ही सभी की निगाहें बादल को ढूँढने लगी, लेकिन. इन्द्र न वह सभा से नदारद था. इन्द्र ने अपने खुफिया प्रमुख से बादल की स्टेटस पूछी. जासूस देव ने कहा" देवराज बादल मृत्युलोक में पहुँच चुके हैं और वे किसी भी पल बरस सकते हैं. हालाँकि इस बार उन्हें पहुँचने में २५ दिन की देरी हुई है." देवराज ने जासूस देव से बादलों की देरी की वजह पूछी. जासूस देव ने कहा" देवराज हर वर्ष होने वाला वार्षिक नृत्य-उत्सव इस बार अपने नियत समय से २५ दिन पहले शुरू हुआ है. बादल बरसों से इस उत्सव का आनंद उठाने से वंचित रहा था. उत्सव का लुत्फ़ उठाने के बाद ही वह यहाँ से विदा हुआ।"
देवता फिर चिंता में पड़ गए। अंततः इन्द्र कि सरपरस्ती वाली त्रि-सदस्यीय कमेटी का गठन हुआ जिसमे नारद और बृहस्पति भी शामिल थे. इन्द्र ने वज्रास्त्र चलाने का सुझाव दिया. इस पर नारद ने समझाया की इससे पूरी मीडिया आपके पीछे पद जायेगी और आपकी बड़ी बदनामी होगी. मीडिया इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार करार देगा और जनता का विश्वास देवताओ से उठ जायेगा. काफी विचार-विमर्श के बाद कमेटी ने सर्वसम्मति से चैनल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया. लेकिन कोर्ट के उबाऊ पचडे में पड़ने से पहले बातचीत के जरिये हल निकालने कि कोशिश करना भी तय हुआ।
उधर इन सब बातो से बेखबर बादल बड़ी तेजी से बरसने के इरादे से दिल्ली और मुंबई के आसमान पर छा गया। प्रोग्राम के ठीक पहले इन दोनों महानगरों में जम कर बारिश हो गयी. इसका असर एक्स वाय जेड के न्यूज़ रूम में देखने को मिला. शाम आठ बजे कि विशेष पेशकश स्वर्ग में मचा हड़कंप की पैकेजिंग पूरी हो चुकी थी. इसके सभी स्क्रिप्ट राइटर कैफेटेरिया में बैठकर आराम फरमा रहे थे. तभी बॉस का फरमान मिला 'सभी गधे तुंरत न्यूज़ रूम में हाजिर हों.' बॉस ने तुंरत नए सिरे से स्क्रिप्ट लिखने को कहा और पैकज का एंगल बताया 'एक्स वाय जेड की खबर का असर इन्द्र ने घुटने टेके. जमकर बरसे बादल, लोगों को मिली राहत.' एक नौसिखिये स्क्रिप्ट राइटर ने आपत्ति की कि इसमें इन्द्र के घुटने टेकने वाली कौन सी बात है सर. यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है. आखिर कब तक इस तरह की आधारहीन बकचोदी करते रहेंगे.? बॉस ने माँ-बहन कि गाली देते हुए कहा 'जितना कहा जाये उतना ही करों. कौन से इन्द्र देव इसका खंडन करने आ रहे है. और सुनो उस काल-कपाल टाईप के बाबा को भी बुला लेना समझे. वह पैकेज की जरूरत के हिसाब से ही बकता है।'
रात आठ बजे दर्शकों ने एक्स वाय जेड न्यूज़ लगाया। विशेष पेशकश शुरू हो चूकी थी. चिल्ला-चिल्ला कर बोलने में माहिर एंकर और तिलकधारी काले कपडे पहने हुए एक बाबा जी दिखाई दे रहे थे. बाबा के गले में कई तरह कि मालाये थी. एंकर ने बाबा से सवाल पूछा 'बाबा आखिर आज बादल बरसे कैसे?' बाबा ने कहा 'उन्हें दिव्य शक्तियों ने बताया है की आपके चैनल की खबर से देवलोक में विद्रोह की स्थिति आ गयी है. भारी दबाव में इन्द्र ने बारिश कराया है।'
बकवास सवालों का दौर यू ही चलता रहा। दर्शक एक-टक से चैनल देख रहे थे. तभी न्यूज़ रूम में फोन घनघनाया. फोन करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को देवराज इन्द्र बताया. पहले तो चैनल हेड थोडा घबराया पर जल्द ही संभलकर बोला 'हाँ देवन्द्र फरमाईये! मै आपकी क्या खिदमत कर सकता हूँ?' इन्द्र ने कहा 'यह क्या बकवास लगा रखा है? तुम्हारी खबर का आधार क्या है? स्वर्ग मै किसी तरह का हड़कंप नहीं मचा है. सभी देवता आपका काम ठीक कर रहे हैं और किसी को बर्खास्त नहीं किया जा रहा है. तुम अपनी खबर का खंडन करों नहीं तो मै तुम्हारे खिलाफ मानहानि का दावा करूँगा.' चैनलों मै इस तरह की धमकी अक्सर आती रही है. अतः चैनल हेड पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा. उसने उल्टा इन्द्र को ही धमका दिया तुझे केस करना है तो कर ले. मेरे पास वकीलों की फौज है. फिर इन्द्र ने लालच देना शुरू किया ' खबर का खंडन कर ले. मृत्यु के बाद तो तुझे स्वर्ग ही आना हैं न. मै तेरा यहाँ बहुत अच्छा ख्याल रखूँगा.' चैनल हेड ने कहा ' कौरे आश्वासन क्यों देते हो इन्द्र. व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से ही स्वर्ग या नरक मिलता है. मैंने बतौर चैनल हेड इतने पाप किये हैं की मुझे स्वर्ग कभी मिल ही नहीं सकता. और अब फोन रखों, नहीं तो उस भ्रष्ट संचार मंत्री से मेरी गहरी दोस्ती है, उससे कह कर तुम्हारा फोन कटवा दूंगा. हाँ अगर कोई उर्वशी, रम्भा और मेनका तीनों मुझे सौपों तो मै विचार करूँगा.' बेचारे देवेन्द्र अपनी प्रेमिकाओं को छोड़ने के लिए कैसे तैयार होते? सौदा न पटा. देवताओं का राजा सर्वशक्तिमान इन्द्र भारत भूमि की इस नवीन शक्ति के आगे नतमस्तक हो गया. उसे सूझ नहीं रहा था कि अपना सम्मान बचाने के लिए वो करे तो क्या करे?
(शांतनु से shanssps@gmail.com के जरिए संपर्क किया जा सकता है)
5 comments:
बहुत बढ़िया.बधाई!
chainalo ki vastvik stithiyon ka devtaon aur riportar ke rup me narad se sajiv chitran bahut hi achha banaya hai.ek achha drashtant vyang likhe aur hamen padhane ke liye bahut dhanyavaad.
good!
bus barish yuhi hoti rahe.
Arvind sharma
apkikhabar.blogspot.com
good article........sir,
--------praween,aligarh
9219129243
इंडिया टीवी रहा होगा भो.....
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