---- चुटकी----
गाँधी जी के
पद चिह्नों पर चल प्यारे,
दूसरा गाल भी
चीन के आगे कर प्यारे।
अहिंसा परमो धर्म है
रटना तू प्यारे,
एक तमाचा और
तुम्हारे जब मारे।
ये बटेर हाथ में
तेरे फ़िर नहीं आनी है,
लगे हाथ तू
देश का सौदा कर प्यारे।
23.9.09
चीन के आगे दूसरा गाल
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
Labels: चीन के आगे दूसरा गाल
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