पत्रकारिता को एक अलग पहचान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी हमारे बीच नही रहे... ये क्षति पूरे पत्रकारिता जगत की है... अपनी लेखनी से पत्रकारिता का लोहा मनवाने वाले जोशी जी बहुत ही सरल शब्दों में अपनी बात कह जाते थे... मैं खुद उनकी लेखनी के दीवानों में से एक हूँ...
जोशी जी के पदचिन्हों पर चलने वाले कई पत्रकारों के लिए ये बड़ा झटका है... लेकिन वो एक ऐसी राह बना कर गए है, जो पत्रकारिता को एक नयी दिशा देगी... उनके आदर्शो पर चलने वाले पत्रकार हमेशा उनके विचारों को जीवित रखेंगे...
बस दिल यही कहता है -
जोशी जी के पदचिन्हों पर चलने वाले कई पत्रकारों के लिए ये बड़ा झटका है... लेकिन वो एक ऐसी राह बना कर गए है, जो पत्रकारिता को एक नयी दिशा देगी... उनके आदर्शो पर चलने वाले पत्रकार हमेशा उनके विचारों को जीवित रखेंगे...
बस दिल यही कहता है -
कौन कहेता है जोशी जी नही रहे,
रूह रुख़सत हुई है, शख्शियत हमेशा जवां रहेगी...
रूह रुख़सत हुई है, शख्शियत हमेशा जवां रहेगी...
भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके परिवार को इस घोर दुःख को सहने का बल प्रदान करे...
- हिमांशु डबराल
No comments:
Post a Comment